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BACROSSAMASTE
कहे ते समभिरूढ नय कहिये ए नय एक अंदा ओछी वम्टने पूरे गरी वस्तु करे जेम तेरमा गुणदाणे केवली होय || तेहने सिद्ध कहे ए नयना भेद बिलकुल नथी ए समभिरूढ नय कह्यो. | हवे एवंभूत नय कहे छे जे वस्तु पोताने गुणे संपूर्ण छे अने पोतानी क्रिया करे छे तेने ते वस्तु कही बोलाये जेम | || मोक्षस्थानकें जे जीव पहोतो तेने सिद्ध कहे जेम पाणीथी भरेलो स्त्रीना माथा ऊपर आवतो जल धरण क्रिया करतो? ६ तेने घडो कहे ए एवं भूतनय कह्यो. है। हवे सात नयना दृष्टान्त श्रीअनुयोगद्वारसूत्रथी लखियें छैयें. जेम कोइक पुरुपे कोइक वीजा पुरुषने पूछ्यु जे तमे ,
किहां वसोछो तेवारे ते पुरुष का लोकमां वसुं छं तेवारें अशुद्ध नैगमवाले पुछ्यु जे लोकना त्रण भेद छे १ अधो६ लोक २ त्रिछोलोक ३ अर्वलोक तेमां तुं किहां रहे छे तेवारें शुद्धनैगमें कह्यु जे त्रिछालोकमा रहुँ छु वलीपुज्यु जेर
त्रिकोलोकमां असंख्याता द्वीप समुद्र छे तेमां तुं कयाद्वीपमा रहे छे तेवारें विशुद्धनगमें कडं जे जंबुद्वीपमा रहुं छु ते । iजंबुद्धीपमा खेत्र घणा छे ते तेमां तु कया क्षेत्रमा रहे छे तेवारें अतिशुद्धनैगम बोल्यो जे भरत क्षेत्रमा रहुं छु ते ।
क्षेत्रना छ खंड छे ते माहेलां कया खंडमां रहे छे तेधारे कडं जे मध्य खंडमां रहुं छु एम क्रमे पूछत्तां छेल्ले कडं जे आपणा देशमा रहुं छु तेबारें फरी पुछ्यु जे देशमा तो नगरग्राम घणा छ तो तुं किहां रहे छे तेवारें कयुं जे हुं अमुक गाममा रहुँ छु ते गाममा वली अमुक पाडो तथा अमुक घर बताव्युं तिहां सुधी नैगम नय जाणवो.
अने संग्रह नयवालो बोल्यो जे मारा पोताना शरीरमां वसुं क्षु तथा व्यवहार नयवालो बोल्यो जे संथारे बेठो छु।