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________________ सूत्र ६८-18 अवलोक: वैमानिकों के विमानों में प्रस्तट गणितानुयोग ६५ बंभलोए णं कप्पे छ विमाण पत्थडा पण्णत्ता, तं जहा- ब्रह्मलोक कल्प में छ विमान प्रस्तट कहे गये हैं, यथा१. अरए, २. विरए, ३. नीरए, ४. निम्मले, ५. वितिमिरे, (१) अरज, (२) विरज, (३) नीरज, (४) निर्मल, ६. विसुद्ध। -ठाणं. अ. ६, सु. ५१६ (५) बितिमिर, (६) और विशुद्ध । णव गेवेज्ज विमाणपत्थता पण्णत्ता, तं जहा अवेयक विमानों के नौ प्रस्तट कहे गये है, यथा१. हेट्ठिम-हेट्ठिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे, (१) अधस्तन-अधस्तन ग्रेवेयक विमान प्रस्तट । २. हेट्ठिम-मज्झिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे, (२) अधस्तन मध्यम ग्रैवेयक विमान प्रस्तट । ३. हेट्ठिम-उवरिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे, (३) अधस्तन उपरितन ग्रेवेयक विमान प्रस्तट । ४. मज्झिम-हेट्ठिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे, (४) मध्यम-अधस्तन ग्रैबेयक विमान प्रस्तट । ५. मज्झिम-मज्झिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे, (५) मध्यम-मध्यम वेयक विमान प्रस्तट । ६. मज्झिम-उवरिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे (६) मध्यम-उपरितन ग्रेवेयक विमान प्रस्तट । ७. उवरिम-हेट्ठिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे, (७) उपरितन-अधस्तन ग्रैवेयक विमान प्रस्तट । ८. उवरिम-मज्झिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे, (८) उपरितन-मध्यम ग्रैवेयक विमान प्रस्तट । ६. उवरिम उवरिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे', (E) उपरितन-उपरितन ग्रैवेयक विमान प्रस्तट । एएसि णं णवण्हं गेवेज्ज विमाणपत्थडाणं नव नाम धेज्जा इन नौ विमान प्रस्तटों के नौ नाम कहे गये हैं, वे इस पण्णत्ता, तं जहा प्रकार हैंगाहा गाथा१. भद्दे, २. सुभद्दे, ३. सुजाए, ४. सोमणसे, ५. पियदरिसणे। (१) भद्र, (२) सुभद्र, (३) सुजात, (४) सोमनस, (५) प्रिय६. सुबंसणे, ७. अमोहे य, ८. सुप्पबद्ध, ६. जसोधरे ॥ दर्शन, (६) सुदर्शन, (७) अमोघ, (८) सुप्रबुद्ध, (६) यशोधर । -ठाणं. अ. ६, सु. ६८५ सब्वे वेमाणियाणं बासट्टि विमाण पत्थडा पण्णत्ता सभी वैमानिकों के बासठ विमान प्रस्तट कहे गये हैं । -सम. ६२, सु.५ विमाणा ईसि उण्णयरा ईसि निण्णयरा- विमाण कुछ ऊँचे हैं और कुछ नीचे हैं६६. ५०-सक्कस्स गं भंते ! देविदस्स देवरण्णो विमाणेहितो ६६. प्र०-भन्ते ! शक देवेन्द्र देवराज के विमान से ईशानेन्द्र ईसाणस्स देविदस्स देवरणो विमाणा ईसिं उच्चयरा देवेन्द्र देवराज के विमान कुछ उच्चतर हैं कुछ उन्नततर हैं ? चेव, ईसि उण्णयरा चेव ? ईसाणस वा देविदस्स देवरणो विमाणेहितो ईसि ईशानेन्द्र देवेन्द्र देवराज के विमाण से शक्र देवेन्द्र देवराज नीययरा चेव, ईसि निण्णयरा चेव ? के विमान कुछ नीचतर हैं कुछ निम्नतर हैं ? १ तओ गेवेज्ज विमाण पत्थडा पण्णत्ता । तं जहा १. हेट्रिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे । २. मज्झिम-गेवेज्ज विमाण पत्थडे । ३. उवरिम-गेवेज्ज विमाणपत्थडे । हेट्ठिम गेबेज्ज विमाणपत्थडे तिविहे पण्णत्ते, तं जहा१. हेट्ठिम मज्झिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे । २. हेट्रिम मज्झिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे । ३. हेट्टिम उवरिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे । मज्झिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे तिविहे पण्णत्ते, तं जहा-- १. मज्जिम हेट्रिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे । २. मज्झिम-मज्झिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे । ३. मज्झिम उवरिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे । उवरिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे तिविहे पण्णत्ते, तं जहा१. सवरिम हेट्ठिम गेवेज्ज विमाण पत्थडे । २. उवरिम मज्झिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे । ३. उवरिम-उवरिम गेवेज्ज विमाणपत्थडे । -ठाणं. अ. ३, उ. ४, सु. २३२ २ सौधर्म-ईशान में तेरह, सनत्कुमार-माहेन्द्र में बारह, ब्रह्मलोक में छ, लान्तक में पांच, महाशुक्र में चार, सहस्रार में चार, आनतप्राणत में चार, आरण-अच्युत में चार, ग्रेवेयक में नौ, अनुत्तरोपपातिक में एक-ये बासठ विमान प्रस्तट हुए । --आव. नि. गाथा २६७
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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