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________________ ६२६ लोक-प्रज्ञप्ति तिर्यक् लोक : बारह अमावस्याओं में नक्षत्रों के योग की संख्या सूत्र ११०४ उ०-दुण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं जहा-हत्थो, चित्ता य, उ०-दो नक्षत्र योग करते हैं यथा-हस्त, चित्रा । ४. ५०–ता कत्तिई णं अमावासं कति णक्खत्ता जोएंति ? (४) प्र०- कार्तिकी अमावास्या को कितने नक्षत्र योग करते हैं? उ०-दुण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं जहा-साती, विसाहा उ.- दो नक्षत्र योग करते हैं यथा-स्वाती, विशाखा । ५. ५०–ता मग्गसिरी णं अमावासं कति णक्खत्ता जोएति? (५) प्र०-मार्गसिरी अमावास्या को कितने नक्षत्र योग करते हैं ? उ०—तिण्णि णक्खत्ता जोएंति तं जहा–अणुराहा, जेट्ठा, उ०-तीन नक्षत्र योग करते हैं, यथा-(१) अनुराधा, मूलो य, (२) जेष्ठा, (३) मूल । ६. ५०–ता पोसि णं अमावासं कति णक्खत्ता जोएंति ? (६) प्र०-पौषी अमावास्या को कितने नक्षत्र योग करते हैं ? उ०-दुण्णि णक्खत्ता जोएंति तं जहा -पुव्वासाढा, उ०-दो नक्षत्र योग करते हैं, यथा-पूर्वाषाढ़ा, उत्तराउत्तरासाढा, षाढ़ा। ७. ५०–ता माहि णं अमावासं कति णक्खत्ता जोएंति ? (७) प्र०-माघी अमावास्या को कितने नक्षत्र योग करते हैं ? उ०—तिण्णि णक्खत्ता जोएति, तं जहा-१. अभीयी, उ०-तीन नक्षत्र योग करते हैं, यथा-(१) अभिजित्, २. सवणो, ३. धणिट्ठा, (२) श्रवण, (३) धनिष्ठा । ८.५०-ता फग्गुणी णं अमावासं कति णक्खत्ता जोएंति ? (८) प्र०-फाल्गुनी अमावास्या को कितने नक्षत्र योग करते हैं ? उ.-दुण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं जहा–१. सतभिसया, उ०-दो नक्षत्र योग करते हैं यथा-(१) शतभिषक्. २. पुव्वापोटुवया। (२) पूर्वाभाद्रपद । ६.५०-ता चेत्ति ण अमावासं कति णक्खत्ता जोएंति ? (8) प्र.-चैत्री अमावास्या को कितने नक्षत्र योग करते हैं ? उ०-दुण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं जहा-रेवई, अस्सिणी उ०-दो नक्षत्र योग करते हैं, यथा- (१) रेवती, (२) अश्विनी । १०.५०---ता विसाहिं णं अमावासं कति णक्खत्ता जोएंति ? (१०) प्र०-वैशाखी अमावास्या को कितने नक्षत्र योग करते हैं ? उ०-दुण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं जहा-भरणी, कत्तिया उ०-दो नक्षत्र योग करते हैं, यथा-(१) भरणी, २) कृत्तिका । ११.५०–ता जेट्टा-मूलि णं अमावासं कति णक्खत्ता जोएंति? (११) प्र०-ज्येष्ठामूली अमावस्या को कितने नक्षत्र योग करते हैं ? उ.-दुण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं जहा–रोहिणी, उ०-दो नक्षत्र योग करते हैं, यथा-(१) रोहिणी, मग्गसिरं च, (२) मृगसिर । १२.५०–ता आसाढि णं अमावासं कति णक्खत्ता जोएंति ? (१२)प्र०-आषाढ़ी अमावास्या को कितने नक्षत्र योग करते हैं ? उ०—तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं जहा-१. अद्दा, उ०-तीन नक्षत्र योग करते हैं, यथा-(१) आर्द्रा, २. पुणब्वसु, ३. पुस्सो,' (२) पुनर्वसु, (३) पुष्य । -सूरिय. पा, १०, पाहु. ६, मु. ३६ १ (क) चन्द. पा. १० सु. ३६ । (ख) जम्बु. वक्ख. ७ सु. १६१ ।
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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