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लोक-प्रज्ञप्ति
तिर्यक्लोक : बारह पूर्णिमाओं में चन्द्र के साथ योग करने वाले नक्षत्रों की संख्या
सूत्र ११०३
दुवालसासु पुण्णमासिणीसु णक्खत्त-संजोग-संखा- बारह पूर्णिमाओं में चन्द्र के साथ योग करने वाले नक्षत्रों
की संख्या१०३. ५०-ता कहं ते पुण्णिमासिणी ? आहिए त्ति वएज्जा, १०३. प्र०--पूर्णिमायें कितनी हैं ? कहें । उ०-तत्थ खलु इमाओ बारस पुणिमासिणीओ, बारस उ०-बारह पूर्णिमायें और बारह अमावास्यायें कही गई हैं, अमावासाओ पण्णत्ताओ, तं जहा
यथा१. साविट्ठि, २. पोट्ठवई, ३. आसोया, ४. कत्तिया, (१) श्रावणी, (२) भाद्रपदी, (३) आश्विनी, (४) कार्तिकी, ५. मग्गसिरी, ६. पोसी, ७. माही, ८. फग्गुणी, (५) मार्गशिर्षी, (६) पौषी, (७) माघी, (८) फाल्गुनी,
६. चेती, १०. विसाही, ११. जेट्ठामूली, १२. आसाढी, (६) चैत्री, (१०) वैशाखी, (११) ज्येष्ठामूली, (१२) आषाढ़ी । प०-१. ता साविट्टिण्णं पुण्णमासि कति णक्खत्ता जोएंति? (१) प्र०-श्रावणी पूर्णिमा को चन्द्र के साथ कितने नक्षत्र
योग करते हैं ? उ०-ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं जहा–१. अभिई, उ-तीन नक्षत्र योग करते हैं, यथा-(१) अभिजित्, २. सवणो, ३. धणिट्ठा,
(२) श्रवण, (३) धनिष्ठा । प०-२. ता पोटुवईण्णं पुण्णमासि कति णक्खत्ता जोएंति ? (२) प्र०-भाद्रपदी पूर्णिमा को चन्द्र के साथ कितने नक्षत्र
योग करते है ? उ०-ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं जहा–१. सतभिसया, उ०-तीन नक्षत्र योग करते हैं, यथा-(१) शतभिषक्, २. पुवापोटुवया, ३. उत्तरापोट्टवया,
(२) पूर्वाभाद्रपद. (३) उत्तराभाद्रपद । ५०-३. ता आसोईणं पुष्णमासि कति णक्खत्ता जोएंति? (३) प्र०-आश्विनी पूर्णिमा को चन्द्र के साथ कितने नक्षत्र
योग करते हैं ? उ०–ता दोण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं जहा-१. रेवती, उ०-दो नक्षत्र योग करते हैं, यथा-(१) रेवती, २. अस्सिणी य,
(२) अश्विनी। ५०–४. ता कत्तिइण्णं पुण्णमासि कति णक्खत्ता जोएंति ? (४) प्र०-कार्तिकी पूर्णिमा को चन्द्र के साथ कितने नक्षत्र
योग करते हैं ? उ०–ता दोण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंज हा१. भरणी, उ०-दो नक्षत्र योग करते हैं, यथा-(१) भरणी, २. कत्तिया य,
(२) कृत्तिका । प०-५. ता मग्गसिरी पुण्णिमासि कति णखत्ता जोएंति? (५) प्र०-मार्गशिर्षी पूर्णिमा को चन्द्र के साथ कितने
नक्षत्र योग करते हैं ? उ०-ता दोण्णि णक्खता जोएंति, तं जहा-१. रोहिणी, उ०-दो नक्षत्र योग करते हैं, यथा-(१) रोहिणी, २. मग्गसिरी य,
(२) मृगशिरा। प०-६. ता पोसिण्णं पुण्णमासि कति णक्खत्ता जोएंति ? (६) प्र०-पोषी पूर्णिमा को चन्द्र के साथ कितने नक्षत्र
योग करते हैं ? उ०-ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं जहा-१. अद्दा, उ०-तीन नक्षत्र योग करते हैं, यथा-(१) आर्द्रा, २. पुणव्वसू, ३. पुस्सो,
(२) पुनर्वसु, (३) पुष्य । (क्रमशः) (३) तत्थ णं जे ते णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स दाहिणओऽवि, उत्तरओऽवि पमई जोग जोएंति, ते ण सत्त,
तं जहा-(१) कत्तिया, (२) रोहिणी, (३) पुण्णव्वसु, (४) मघा, (५) चित्ता, (६) विसाहा, (७) अणुराहा । (४) तत्थ णं जे ते णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स दाहिणओ पम जोगं जोएंति. ताओ णं दुवे आसोढाओ सव्व बाहिरए
मंडलेजोगं जोएंसु वा, जोएंति वा, जोएस्संति वा ।
(५) तत्थ ण जे से णक्खत्ता, जे णं सया चंदस्स जोग जोएइ सा णं एगा जेट्रा। -जम्बु. वक्ख. ७, सु. १५६ (ख) चन्द. पा. १० सु. ४४ ।
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