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लोक-प्रज्ञप्ति
तिर्यक् लोक : नक्षत्रों के संस्थान
सूत्र १०६३
१५. ५०-ता पुस्से णक्खत्ते कि संठिए पण्णत्त ?
उ०-बद्धमाण संठिए पण्णते, १६. प०–ता अस्सेसा णक्खत्ते कि संठिए पण्णत्त ?
उ०-पडागसंठिए पण्णत्त, १७. ५०–ता महा णक्खत्ते कि संठिए पण्णत्ते ?
उ०—पागार संठिए पण्णत्ते, १८. ५०–ता पुवाफग्गुणी णक्खत्ते कि संठिए पण्णते ?
उ०—अद्धपलियंक सठिए पण्णत्ते, १६.५०–ता उत्तराफग्गुणी णक्खत्ते कि संठिए पण्णत्ते ?
उ०-अद्धपलियंक संठिए पण्णत्ते, २०.५०-ता हत्थ णक्खत्ते कि संठिए पण्णत्ते ?
उ०-हत्थ संठिए पण्णत्ते, २१. प०-ता चित्ता णक्खत्ते कि संठिए पण्णत्ते ?
(१५) प्र०-पुष्य नक्षत्र का संस्थान किस प्रकार का कहा गया है ?
उ.-'वर्धमान' दीपक जैसा संस्थान कहा गया है।
(१६) अश्लेषा नक्षत्र का संस्थान किस प्रकार का कहा गया है ?
उ०-'पताका' जैसा संस्थान कहा है ।
(१७) प्र०-मघा नक्षत्र का संस्थान किस प्रकार का कहा गया है?
ऊ०-'प्राकार' जैसा संस्थान कहा गया है।
(१८) प्र०-पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का संस्थान किस प्रकार का कहा गया है ?
उ०—'आधे पलंग' जैसा संस्थान कहा गया है।
(१६) प्र०-उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संस्थान किस प्रकार का कहा गया है ?
उ०-'आधे पलग' जैसा संस्थान कहा गया है ।
(२०) प्र०-हस्त नक्षत्र का संस्थान किस प्रकार का कहा गया है ?
उ०-'हाथ' जैसा संस्थान कहा गया है ।
(२१) प्र०--चित्रा नक्षत्र का संस्थान किस प्रकार का कहा गया है ?
उ०-फूले हुए मुंह जैसा संस्थान कहा गया है ।
(२२) प्र०-स्वाती नक्षत्र का संस्थान किस प्रकार का कहा गया है ?
उ.-'खीले' जैसा संस्थान कहा गया है ।
(२३) प्र०-विशाखा नक्षत्र का संस्थान किस प्रकार का कहा गया है।
उ०-दामनिका (पशु बाँधने की रज्जु) जैसा संस्थान कहा गया है।
(२४) प्र०-अनुराधा नक्षत्र का संस्थान किस प्रकार का कहा गया है ?
उ–'एकावलिहार' जैसा संस्थान कहा गया है।
(२५) प्र०-ज्येष्ठा नक्षत्र का संस्थान किस प्रकार का कहा गया है ?
उ०-'गजदन्त' जैसा संस्थान कहा गया है । (२६) प्र०-मूल नक्षत्र का संस्थान किस प्रकार का कहा
उ०-मुहफुल्ल संठिए पण्णत्ते, २२. ५०–ता साई णक्खत्ते कि संठिए पण्णते?
उ०-खीलग संठिए पण्णत्ते, २३. ५०-ता विसाहा णक्खत्ते कि संठिए पण्णत्ते?
उ०-दामणि संठिए पण्णत्ते,
२४. ५०-ता अणुराहा णक्खत्ते कि संठिए पण्णत ?
उ०-एगावलि संठिए पण्णत्ते, २५. ५०-ता जेट्ठा णक्खत्ते कि संठिए पण्णत्ते ?
उ०-गयदन्त संठिए पण्णत्ते, २६. ५०–ता मूले णक्खत्ते कि संठिए पण्णत्ते ?
गया है?
उ०-विच्छ्यलंगोलसंठिए पण्णत्ते,
उ०-'विच्छ की पूंछ' जैसा संस्थान कहा गया है ।