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सूत्र १०८६-१०६१
तिर्यक् लोक : नक्षत्रों के गोत्र
गणितानुयोग
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वयं पुण एवं वयामो
हम फिर इस प्रकार कहते हैंता सव्वे वि णं गक्खत्ता, अभिई आदिया, उत्तरासाढा अभिजित् से उत्तराषाढा पर्यन्त सभी नक्षत्रों का (चन्द्र-सूर्य पज्जवसाणा, पण्णत्ता तं जहा-अभिई सवणो जाव के साथ) योग पंक्तिरूप क्रम है, यथा-अभिजित् श्रवण-यावत्उत्तरासाढा,'
उत्तराषाढा । -सूरिय. पा. १०, पाहु.१, सु. ३२ जंबुद्दीवे ववहारजोग्गा णक्खत्ता
जम्बूद्वीप में व्यवहार योग्य नक्षत्र६०. जंबुद्दीवे दोवे अभिइवज्जेहि सत्तावीसाए णक्खत्तेहि संववहारे ६०. जम्बूद्वीप द्वीप में अभिजित् को छोड़कर सत्तावीस नक्षत्रों से __ वट्टति,
-सम. २७, सु. २ व्यवहार होता है । णक्खत्ताणं गोत्ता
नक्षत्रों के गोत्र६१. प०–ता कहं ते गोत्ता ? आहिए त्ति वएज्जा, ६१. नक्षत्रों के गोत्र कौन-कौन से है ? कहें, १. ५०--ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ता णं अभियो (१) प्र०-इन अट्ठावीस नक्षत्रों में से अभिजित् नक्षत्र का णक्खत्ते कि गोत्ते पण्णत्ते ?
गोत्र कौनसा कहा गया है? उ०–ता मोग्गलायणसगोत्ते पण्णत्ते,
उ०-मौद्गलायनस गौत्र कहा गया है । २. प०-सवणे णक्खत्ते कि गोत्ते पण्णत्ते ?
(२) प्र०-श्रवण नक्षत्र का गौत्र कौनसा कहा गया है ? ___ उ०–संखायणसगोत्ते पण्णत्ते,
उ०-संखायनस गौत्र कहा गया है । ३. ५०-धणिट्ठा णक्खत्ते कि गोते पण्णते ?
(३) प्र०-धनिष्ठा नक्षत्र का गौत्र कौनसा कहा गया है ? ____उ०-अग्गितावसगोते पण्णत्ते,
उ०-अग्नितापस गौत्र कहा गया है । ४. ५०.-सतभिसया णक्खत्ते कि गोते पण्णते ?
(४) प्र०-शतभिषक् नक्षत्र का गौत्र कौनसा कहा
गया है ? उ०—कण्णलोयणस गोत्ते पण्णत्ते,
30-कर्णलोचनस गौत्र कहा गया है । ५. ५०-पूश्वा पोटुवया णक्खन्ने किं गोते पण्णते ?
(५) प्र०-पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का गौत्र कौनसा कहा
गया है? उ.-जोउकण्णियस गोत्ते पण्णत्ते,
उ०-जातुकणिस गौत्र कहा गया है । ६. ५०-उत्तरा पोटुवया णक्खत्ते किं गोते पण्णते ? (६) प्र०-उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का गौत्र कौनसा कहा
गया है? उ०-धनंजयस गोत्ते पण्णत्ते,
उ०-धनंजयस गोत्र कहा गया है । ७. ५०-रेवई णक्खत्ते कि गोते पण्णते ?
(७) प्र०-रेवति नक्षत्र का कौनसा गौत्र कहा गया है ? उ०पुस्सायणस गोत्ते पण्णत्ते,
उ०-पुष्यायनस गौत्र कहा गया हैं। ८.५०-अस्सिणी णक्खत्ते कि गोत्ते पण्णत्ते ?
(७) प्र०-अश्विनी नक्षत्र का कौनसा गौत्र कहा गया है ? ___उ०—अस्सादणस गोते पण्णत्ते,
उ०-आश्वायनस गौत्र कहा गया है । ९.५०-भरणी णक्खत्ते कि गोते पण्णते?
(8) प्र०-भरणी नक्षत्र का कौनसा गौत्र कहा गया है ? उ०-भग्गवेसस गोत्ते पण्णत्ते,
उ०-भार्गवेसश गौत्र कहा गया है । १०.५०-कत्तिया णक्खत्ते कि गोत्ते पण्णत्ते ?
(१०) प्र०-कृत्तिका नक्षत्र का कौनसा गौत्र कहा
गया है? उ०-अग्गिवेसस गोते पण्णत्ते,
उ०-अग्निवेसश गौत्र कहा गया है ।
-सम. २७, सु. २.
१ (क) जम्बुद्दीवे दीवे अभिइवज्जेहिं सत्तावीसाए णक्खत्तेहिं संववहारे वट्टति । (ख) चन्द. पा. १०, सु. ३२ ।
(ग) जम्वु. वक्ख. ७, सु. १५५ ।