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________________ ५६२ लोक-प्रज्ञप्ति तिर्यक् लोक : नक्षत्रों के गोत्र सूत्र १०६१ ११.५०- रोहिणी णक्खत्ते कि गोते पण्णते ? उ०-गोतमस गोते पण्णत्ते, १२.५०-संठाणा णक्खत्ते कि गोत्ते पण्णत्ते ? ___उ०-भारद्दायस गोते पण्णत्ते, १३. १०-अद्दा णक्खत्ते कि गोत्ते पण्णते ? उ०-लोहिच्चायणस गोत्ते पण्णत्ते, १४. ५०-पुणव्वसु णक्खत्ते कि गोत्ते पण्णत्ते ? ___ उ०-वासिट्ठस गोते पण्णत्ते, १५. ५०-पुस्से णक्खत्ते किं गोते पण्णते ? उ०-उज्जायणस गोत्ते पण्णत्ते, १६. ५०-अस्सेसा णक्खत्ते कि गोत्ते पण्णत्ते ? उ०-मंडब्वायणस गोते पण्णत्ते, १७. ५०–मघा णक्खत्ते कि गोत्ते पण्णत्ते ? उ०—पिंगायणस गोते पण्णत्ते, १८. ५०-पुव्वाफग्गुणी णक्खत्ते कि गोते पण्णते? उ०-गोवल्लायणस गोते पण्णत्ते, १६.५०-उत्तराफग्गुणी णक्खत्ते कि गोते पण्णते ? (११) प्र०-रोहिणी नक्षत्र का कौनसा गौत्र कहा गया है ? उ.- गौतमस गौत्र कहा गया है । (१२) प्र०-मृगशिर नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है ? उ०–भारद्वाजस गोत्र कहा गया है। (१३) प्र० --आर्द्रा नक्षत्र का कौनसा गौत्र कहा गया है ? उ०-लोहित्यायनस गोत्र कहा गया है। (१४) प्र०-पुनर्वसू नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है ? उ०-वासिष्ठस गोत्र कहा गया है। (१५) प्र०-पुष्य नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है ? उ०-उद्यायनस गोत्र कहा गया है। (१६) प्र०—अश्लेषा नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है ? उ०-मांडव्यायनस गोत्र कहा गया है । (१७) प्र०-मघा नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है ? उ०—पिंगायनस गोत्र कहा गया है। (१८) प्र०-पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है ? उ०-गोभिल्लायनस गोत्र कहा गया है। १९) प्र०-उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है ? उ०-काश्यप गोत्र कहा गया है । (२०) प्र.-हस्त नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है ? उ०-कौशिक गोत्र कहा गया है। (२१) प्र.-चित्रा नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है? उ०-दाभिकानस गोत्र कहा गया है । (२२) प्र०-स्वाति नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है ? उ०-चामरक्ष गोत्र कहा गया है। (२३) प्र०-विशाखा नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है ? उ० - सुंगायनस गोत्र कहा गया है । (२४) प्र०-अनुराधा नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया हैं ? उ०-गौलव्यायनस गोत्र कहा गया है। (२५) प्र०-ज्येष्ठा नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है ? उ०—चिकित्सायनस गोत्र कहा गया है। (२६) प्र०-मूल नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है। उ०-कात्यायनस गोत्र कहा गया है। (२७) प्र०-पूर्वाषाढा नक्षत्र का कौनसा गोत्र कहा गया है ? उ०-वात्स्यायनस गोत्र कहा गया है। उ.-कासवगोते पण्णत्ते, २०.५०-हत्थे णक्खत्ते किं गोते पण्णत्ते ? उ.-कोसिय गोत्ते पण्णत्ते, २१.५०-चित्ता णक्खत्ते कि गोत्ते पण्णत्ते ? उ०-दभियाणस गोत्ते पण्णत्तं, २२.५०-साई णक्खत्ते किं गोते पण्णते? उ०-चामरच्छ गोते पण्णत्ते, २३. ५०-यिसाहा णक्खत्ते किं गोते पण्णते? उ०-सुंगायणस गोत्ते पण्णत्ते, २४.५० -अणुराहा णक्खत्ते कि गोते पण्णते ? उ०-गोलवायणस गोत्ते पण्णत्ते, २५. १०-जेट्ठा णक्खत्ते कि गोते पणते ? उ०-तिगिच्छायणस गोने पण्णत्ते, २६. ५०-मूले णक्खत्ते कि गोत्ते पण्णते ? उ०-कच्चायणसगोते पण्णत्ते, २७. ५०-पुव्वासाढा णक्खत्ते कि गोत्ते पण्णते ? उ०-वज्झियायणस गोते पण्णत्ते,
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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