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________________ ५७० लोक- प्रज्ञप्ति सिर्व लोक चन्द्र-सूर्य अर्द्धमास में चन्द्र-सूर्य की मण्डल-पति १. प० – कराई खलु ताइं सत्त अद्धमण्डलाई जाई चंदे दाहिणाए भागाए पविसमा पारं वरद ? उ० – इमाई खलु ताइं सत्तअद्धमण्डलाई जाई चंदे दाहिजाए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, तं जहा - १. बिइए अद्धमण्डले, २. चउत्थे अद्धमण्डले, ३. छट्ट े अद्धमण्डले, ४. अट्टमे अद्धमण्डले ५ दसमे अद्धमण्डले, ६. बारसमे अद्धमण्डले, ७. चउदसमे अनुमण्डले, एयाई खलु ताई सत्त अद्धमण्डलाई जाई चंदे दाहिणाए भागाए पविसमाणे चारं चरड़, ता पढमायणगए चंदे उत्तराए भागाए पविसमाणे छ अद्धमण्डलाई तेरस य सत्तट्टिभागाई अद्धमण्डलस्स जाई चंदे उत्तराए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, २. प० – कराई खलु ताई छ अद्धमण्डलाई तेरस य सत्तट्ठिभागाई अद्धमण्डलस्स जाई चंदे उत्तराई भागाए पविसमाणे चारं चरइ ? उ०- इमाई खलु ताई छ अद्धमण्डलाई तेरस य सत्तट्ठिभागाई अद्धमण्डलस्स जाई चंदे उत्तराए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, तं जहा - १. ए २. पंचमे समण्डले, ३. सत्तमे अद्धमण्डले, ४. नवमे अद्धमण्डले, ५. एक्कारसमे अद्धमण्डले, ६. तेरसमे अद्धमण्डले, पण्णरस मण्डलस्स तेरस सत्तट्ठिभागाई, एलाई खलु ताई अण्डलाई तेरस व सत्तभागाई अद्धमण्डलस जाई चन्दे उत्तराए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, एयावया च पढने चंदायणे समते भवइ, दोच्चे चंदायणे या पदे अदमासे तो अमानो घंटे अद्धमासे, अमा १. प० -- ता णक्खताओ अद्धमासाओ ते चंदे चंदेणं अद्धमासे णं किमधियं चरइ ? उ०- ता एवं अद्धमण्डलं चरइ, चत्तारि य सत्तट्टिभागाई अद्धमण्डलस सत्तद्विभागं एगतीसाए छेत्ता जव भागाई, तादोच्चाए दे पुरण्डिमाए भागाए ि ममाणे सत्त चउप्पणाई जाई चंदे परस्स चिन्नं पडिचरइ, सत्त तेरसगाई जाई चंदे अप्पणा चिण्णं चरइ, (१) प्र० - वे सात अर्द्धमंडल कौनसे हैं जिनमें चन्द्र दक्षिण भाग से प्रवेश करता हुआ गति करता है ? सूत्र १०६३ उ० – ये वे सात अर्द्धमंडल हैं जिनमें चन्द्र दक्षिण भाग से प्रवेश करता हुआ गति करता है । यथा (१) दूसरा अर्द्धमंडल, (२) चौथा अर्द्धमंडल, (३) छठा अर्द्ध मंडल, (४) आठवाँ अर्द्धमंडल, (५) दसवाँ अर्द्धमंडल, (६) बारहवाँ अर्द्धमंडल, (७) चौदहवाँ अर्द्धमंडल । ये सात अर्द्धमंडल हैं जिनमें चन्द्र दक्षिण भाग से प्रवेश करता हुआ गति करता है । प्रथम अयनगत चन्द्र उत्तर भाग से प्रवेश करता हुआ छ: अर्द्धमंडल और अर्द्धमंडल के सड़सठ भागों में से तेरह भाग हैं जिनमें चन्द्र उत्तर भाग से प्रवेश करता हुआ गति करता है । (२) प्र० वे कौन से छह अमंडल और मंडल के सड़सठ भागों में से तेरह भाग हैं जिनमें चन्द्र उत्तर भाग से प्रवेश करता हुआ गति करता है ? उ०- वे ये छह अर्द्धमंडल और अर्द्धमंडल के सड़सठ भागों में से तेरह भाग हैं जिनमें चंद्र उत्तर भाग से प्रवेश करता हुआ गति करता है, यथा " , (१) तीसरा मंडल (२) पांच मंडल (१) सातव अर्द्धमंडल, (४) नवमा अर्द्धमंडल, (५) ग्यारहवाँ अर्द्धमंडल, (६) तेरहवाँ अर्द्धमंडल । पन्द्रहवें मंडल के सड़सठ भागों में से तेरह भाग । वे ये छह अर्द्धमंडल और अर्द्धमंडल के सड़सठ भागों में से तेरह भाग हैं जिनमें चन्द्र उत्तर से प्रवेश करता हुआ ि करता है । इतने पर प्रथम चन्द्रायण समाप्त होता है । द्वितीय चन्द्रायण- नक्षत्र अर्द्धमास, चन्द्र अर्द्धमास नहीं है । चन्द्र अर्द्धमास, नक्षत्र अर्द्धमास नहीं है । ( १ ) प्र० - चन्द्र-नक्षत्र अर्द्धमास से चन्द्र-अर्द्धमास कितना अधिक चलता है ? उ० - एक अर्द्धमंडल तथा द्वितीय अर्द्धमंडल के सड़सठ भागों में से चार भाग और सड़सठवें इकतीस भागों में से नौ भाग अधिक चलता है । द्वितीय अयनगत चन्द्र सर्वाभ्यन्तर मंडल के पूर्वी भाग से निष्क्रमण करता हुआ (अर्द्धमंडल के ) सडसठ भागों में से चौवन भागों में जिनमें अन्य संचरित मंडल के भागों में चन्द्र गति करता है और (अर्द्ध मंडल के ) सड़सठ भागों में से तेरह भागों में जिनमें चन्द्र (अपने ) संचरित मंडल के भागों में चन्द्र गति करता है ।
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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