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________________ सूत्र ६६४ तिर्यक् लोक : चन्द्रमण्डल वर्णन गणितानुयोग ४८१ (ग) कयरे चन्दमण्डला जे णं रवि-ससि-णक्खत्ताणं (ग) कितने चन्द्रमण्डल ऐसे हैं जो सूर्य-चन्द्र और नक्षत्रों के सामण्णा भवंति ? साथ सामान्य रहते हैं ? (घ) कयरे चन्दमण्डला जे णं सया आदिच्चेहि विर- (घ) कितने चन्द्रमण्डल ऐसे हैं जो सदा सूर्यों से विरहित हिया ? रहते हैं ? उ०—(क) ता एएसि णं पण्णरसण्ह चन्दमण्डलाणं तत्थ जे उ०—(क) इन पन्द्रह चन्द्रमण्डलों में से जितने चन्द्रमण्डल ते चन्दमण्डला जे णं सया णक्खत्तेहि अविरहिया, नक्षत्रों से सदा अविरहित रहते हैं वे आठ हैं, यथाते गं अट्ठ, तं जहा१. पढमे चन्दमण्डले, २. ततिए चंदमण्डले, (१) प्रथम चन्द्र मण्डल, (२) तृतीय चन्द्रमण्डल, (३) छठा ३. छ? चन्दमण्डले, ४. सत्तमे चन्दमण्डले, चन्द्रमण्डल, (४) सातवाँ चन्द्र मण्डल, (५) आठवां चन्द्रमण्डल, ५. अट्टमे चन्दमण्डले, ६. दसमे चन्दमण्डले, (६) दसवाँ चन्द्रमण्डल, (७) इग्यारहवाँ चन्द्रमण्डल, (८) पन्द्रहवाँ ७. एकादसे चन्दमंडले, ८. पण्णरसमे चन्दमंडले, चन्द्रमण्डल। (ख) तत्थ जे ते चन्दमण्डला जे णं सया णक्खहिं (ख) जितने चन्द्रमण्डल नक्षत्रों से सदा विरहित रहते हैं, विरहिया, ते ण सत्त तं जहा- वे सात हैं, यथा१. बितिए चन्दमण्डले, २. चउत्थे चन्दमण्डले, (१) द्वितीय चन्द्रमण्डल, (२) चतुर्थ चन्द्र मण्डल, (३) पंचम ३. पंचमे चन्दमण्डले, ४. नवमे चन्दमण्डले, चन्द्रमण्डल, (४) नवम चन्द्र मण्डल, (५) द्वादशम चन्द्रमण्डल, ५. बारसमे चन्दमण्डले, ६. तेरसमे चन्दमण्डले, (६) त्रयोदशम चन्द्रमण्डल, (७) चतुर्दशम चन्द्रमण्डल । ७. चउद्दसमे चन्दमण्डले, (ग) तत्थ जे ते चन्दमण्डला जे णं रवि-ससि-णक्ख- (ग) जितने चन्द्रमण्डल सूर्य-चन्द्र और नक्षत्रों के साथ ताणं सामण्णा भवंति, ते णं चत्तारि, तं जहा- सामान्य रहते हैं वे चार हैं. यथा१. पढमे चन्दमण्डले, २. बीए चन्दमण्डले, (१) प्रथम चन्द्रमण्डल, (२) द्वितीय चन्द्रमण्डल, (३) एका ३. इक्कारसमे चदमंडले, ४. पन्नरसमे चंदमंडले, दशम चन्द्रमण्डल, (४) पंचदशम चन्द्रमण्डल । (घ) तत्थ जे ते चंदमण्डला जे णं सया आदिच्चेहि (घ) जितने चन्द्रमण्डल सूर्यों से सदा विरहित रहते हैं, वे विरहिया ते णं पंच ।तं जहा पाँच हैं; यथा१. छ? चन्दमण्डले. २. सत्तमे चन्दमण्डले, (१) छठा चन्द्रमण्डल, (२) सप्तम चन्द्रमण्डल, (३) अष्टम ३. अट्रमे चन्दमण्डले, ४. नवमे चन्दमण्डले, चन्द्रमण्डल, (४) नवम चन्द्रमण्डल, (५) दसम चन्द्रमण्डल । ५. दसमे चन्दमण्डले, -सूरिय. पा. १०, पाहु. ११, सु. ४५
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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