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सूत्र ९३३-९३४
तिर्यक् लोक : धातकीखण्ड में ज्योतिषिदेव
गणितानुयोग
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धायइसंडे जोइसिय देवा
धातकीखण्डद्वीप में ज्योतिष्क देव१३३. (१) ५०-धायइसंडे दीवे
६३३. (१) प्र०-धातकीखण्ड द्वीप मेंकेवइया चंदा पभासेंसु वा, पभासिति वा, पमा- कितने चन्द्र प्रभासित होते थे, प्रभासित होते हैं और प्रभासिस्संति वा?
सित होंगे ? (२) प०-केवइया सूरिया तवेंसु वा, तविति वा, तवि- (२) प्र०—कितने सूर्य तपाए थे, तपाते हैं और तपाएँगे ?
सिस्संति वा? (३) ५०-केवइया गहा चारं चरिंसु वा, चरंति वा, चरि- (३) प्र०-कितने ग्रह गति करते थे, गति करते हैं और स्संति वा?
गति करेंगे? (४) प०-केवइया णक्खत्ता जोगं जोइंसु वा, जोएंति वा, (४) प्र.-कितने नक्षत्र योग करते थे, योग करते हैं और जोइस्संति वा?
योग करेंगे? (५) ५०-केवइया तारागण कोडाकोडीओ, सोभं सोभेसु वा, (५) प्र०—कितने कोटाकोटी तारागण सुशोभित होते थे, सोभंति वा, सोभिस्संति वा?
सुशोभित होते हैं और सुशोभित होंगे? धायइसंडे दीवे
(१) उ०-धातकीखण्ड द्वीप में(१) उ०-बारस चंदा पभासेंसु वा, पभासंति वा, पमा- बारह चन्द्र प्रभासित होते थे, प्रभासित होते हैं और प्रभासिस्संति वा,
सित होंगे। (२) उ.-बारस सूरिया तवेंसु वा, तविति वा तविसिस्संति (२) उ०-बारह सूर्य तपाते थे, तपाते हैं और तपाएंगे ।
वा,
(३) उ०—एगं छप्पण्णं महग्गहसहस्सं चारं चरिसुवा, चरंति (३) उ०—एक सौ छप्पन महाग्रह गति करते थे, गति वा, चरिस्संति वा,
करते हैं और गति करेंगे। (४) उ०—तिणि छत्तीसा णक्खत्तसया जोगं जोएंसु वा, (४) तीन सौ नक्षत्र योग करते थे, योग करते हैं और योग जोएंति वा, जोइस्संति वा,
करेंगे। (५) उ०-अवसय सहस्सा, तिण्णि सहस्साई सत्त य सयाई। (५) उ०-आठ लाख तीन हजार सात सौ कोटाकोटी
एगससीपरिवारो, तारागणकोडिकोडी णं सोभं तारागण सुशोभित होते थे, सुशोभित होते हैं और सुशोभित होंगे। सो सु वा, सोभंति वा, सोभिस्संति वा ॥ गाहाओ
गाथार्थचउवीसं ससि-रविओ, णक्खत्तसया य तिणि छत्तीसा। धातकीखण्ड द्वीप में बारह चन्द्र, बारह सूर्य, तीन सौ छत्तीस एगं च गहसहस्सं, छप्पणं धायइसंडे ॥
नक्षत्र, एक हजार छप्पन ग्रह, आठ लाख तीन हजार सात सौ अट्ठव सयसहस्सा, तिण्णि सहस्साई सत्त य सयाई। कोटाकोटी तारागण हैं । धायइसंडे दीवे, तारागण कोडिकोडी ॥
-सूरिय० पा० १६, सु० १०० कालोद समुद्दे जोइसिय देवा
कालोदसमुद्र में ज्योतिष्क देव-६३४. (१) ५०–ता कालोयणे णं समुद्दे
६३४. (१) प्र०—कालोदसमुद्र मेंकेवइया चंदा पभासिसु वा, पभासिति वा, पभा- कितने चन्द्र प्रभासित होते थे, प्रभासित होते हैं और सिस्संति वा?
प्रभासित होगे?
१
(ख) भग. स.६, उ. २, सु. ४ ।
(क) चंद पा. १६, सु. १०० । (ग) जीवा. पडि. ३, उ. २, सु. १७४ ।