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________________ ३६६ लोक-प्रज्ञप्ति तिर्यक् लोक : घातकीखण्डद्वीप वर्णन सूत्र ७२२-७२४ (२५) १. धायइसंडेणं दीवे दो वप्पा, (२५) १. दो वप्र नाम वाले विजय है। (२६) २. धायइसंडेणं दीवे दो सुवप्पा, (२६) २. दो सुवप्रविजय हैं । (२७) ३. धायइसंडेणं दीवे दो महावप्पा, (२७) ३. दो महावप्र विजय हैं । (२८) ४. धायइसंडेणं दीवे दो वप्पगावई, (२८) ४. दो वप्रकावति विजय हैं । (२६) ५. धायइसंडेणं दीवे दो वग्गु, (२६) ५. दो वल्गु-विजय हैं । (३०) ६. धायइसंडेणं दीवे दो सुवरगु (३०) ६. दो सुवल्गु विजय हैं । (३१) ७. धायइसंडेणं दीवे दो गंधिला (३१) ७. दो गंधिल विजय हैं । (३२) ८. धायइसंडेणं दीवे दो गंधिलावई । (३२) ८. दो गंधिलावति विजय हैं । -ठाणं २, उ० ३, सु० १०० धायइसंडेणं दीवे चक्कवट्टिविजयाणं रायहाणीओ- धातकीखण्डद्वीप के चक्रवति-विजयों की राजधानियाँ पुव्वविदेहे चक्कवट्टिविजयाणं रायहाणीओ- पूर्वमहाविदेह में चक्रवति-विजयों की राजधानियाँ७२३. (१) १. धायइसंडेणं दोवे दो खेमाओ, ७२३. (१) १. क्षेमा नाम वाली दो राजधानियां हैं। (२) २. धायइसंडेणं दोवे दो खेमपुराओ, (२) २. दो क्षेमपुरा राजधानियां हैं। (३) ३. धायइसंडेणं दीवे दो रिट्ठाओ, (३) ३. दो रिष्टा राजधानियाँ हैं । (४) ४. धायइसंडेणं दीवे दो रिट्ठपुराओ, (४) ४. दो रिष्टपुरा राजधानियाँ हैं । (५) ५. धायइसंडेणं दीवे दो खग्गीओ, (५) ५. दो खड्गी राजधानियाँ हैं । (६) ६. धायइसंडेणं दीवे दो मंजूसाओ, (६) ६. दो मंजूषा राजधानियाँ हैं । (७) ७. धायइसंडेणं दीवे दो ओसधीओ, (७) ७. दो औषधी राजधानियाँ हैं । (८) ८. धायइसडेणं दीवे दो पुण्डरगिणीओ, (८) ८. दो पुण्डरिकणी राजधानियाँ हैं। (९) १. धायइसंडेणं दीवे दो सुसीमाओ, (६) १. सुसीमा नाम वाली दो राजधानियाँ हैं। (१०) २. धायइसंडेणं दीवे दो कुण्डलाओ, (१०) २. दो कुण्डला नाम वाली राजधानियाँ हैं । (११) ३. धायइसंडेणं दीवे दो अपराजियाओ, (११) ३. दो अपराजिता नाम वाली राजधानियाँ हैं । (१२) ४. धायइसंडेणं दीवे दो पभंकराओ, (१२) ४. दो प्रभंकरा नाम वाली राजधानियां हैं । (१३) ५. धायइसंडेणं दीवे दो अंकावईओ, (१३) ५. दो अंकावति नाम वाली राजधानियाँ हैं । (१४) ६. धायइसंडेणं दीवे दो पम्हावईओ, (१४) ६. दो पक्ष्मावति नाम वाली राजधानियां हैं। (१५) ७. धायइसंडेणं दीवे दो सुभाओ, (१५) ७. दो शुभा नाम वाली राजधानियाँ हैं। (१६) ८. धायइसंडेणं दीवे दो रयणसंचयाओ। (१६) ८. रत्नसंचया नाम वाली राजधानियाँ हैं । -ठाणं २, उ० ३, सु० १०० अवरविदेहे चक्कट्टियाणं रायहाणीओ पश्चिम महाविदेह में चक्रवर्ति-विजयों की राजधानियाँ(१७) १. धायइसडेणं दीवे दो आसपुराओ, ७२४. (१७) १. अश्वपुरा नाम वाली दो राजधानियां हैं। (१८) २. धायइसंडेणं दीवे दो सोहपुराओ, (१८) २. सिंहपुरा नाम वाली दो राजधानियाँ हैं । (१९) ३. धायइसंडेणं दीवे दो महापुराओ, (१६) ३. महापुरा नाम वाली दो राजधानियाँ हैं। (२०) ४. धायइसंडेणं दीवे दो विजयपुराओ, (२०) ४. विजयपुरा नाम वाली दो राजधानियाँ हैं । (२१) ५. धायइसंडेणं दीवे दो अवराजिआओ, (२१) ५. अपराजिता नाम वाली दो राजधानियाँ हैं । (२२) ६. धायइसंडेणं दीवे दो अरयाओ, (२२) ६. अरजा नाम वाली दो राजधानियाँ हैं । (२३) ७. धायइसंडेणं दीवे दो असोगाओ, (२३) ७. अशोका नाम वाली दो राजधानियां हैं। (२४) ८. धायइसंडेणं दीवे दो विगयसोगाओ, (२४) ८. विगतशोका नाम वाली दो राजधानियाँ हैं। (२५) १. धायइसडेणं दीवे दो विजयाओ, (२५) १. विजया नाम वाली दो राजधानियां हैं । (२६) २. धायइसंडेणं दीवे दो वेजयंतीओ, (२६) २. वैजयन्ति नाम वाली दो राजधानियां हैं।
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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