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सूत्र ७२०-७२२
तिर्यक् लोक : घातकोखण्डद्वीप वर्णन
गणितानुयोग
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धायइसंडदीवे चक्कवट्टि विजया रायहाणीओ य- धातकीखण्डद्वीप में चक्रवतीं विजय और राजधानियाँ७२०. धायइसंडे गं दीवे अट्ठसट्टि चक्कट्टिविजया, अट्ठसद्धिं राय- ७२०. धातकीखण्डद्वीप में अडसठ चक्रवति विजय हैं और उनकी हाणीओ पण्णत्ताओ।
-सम० ६८, सु० १ अडसठ राजधानियाँ कही गई हैं। धायइसंडदीवे चवकवटिविजया
धातकीखण्डद्वीप मे चक्रवर्ती विजयपुव्वमहाविदेहे चक्कवटिविजया
पूर्वमहाविदेह में चक्रवर्ती विजय७२१. (१) १. धायइसंडेणं दीवे दो कच्छा ,
७२१. (१) १. कच्छ नाम वाले दो विजय हैं। (२) २. धायइसंडेणं दीवे दो सुकच्छा,
(२) २. दो सुकच्छ विजय हैं । (३) ३. धायइसंडेणं दीवे दो महाकच्छा,
(३) ३. दो महाकच्छ विजय हैं। (४) ४. धायइसंडेणं दीवे दो कच्छावती,
(४) ४. दो कच्छावती विजय है। (५) ५. धायइसंडेणं दीवे दो आवत्ता,
(५) ५. दो आवर्त विजय हैं । (६) ६. धायइसंडेणं दीवे दो नंगलावत्ता,
(६) ६. दो नंगलावर्त विजय है । (७) ७. धायइसंडेणं दीवे दो पुक्खला,
... (७) ७. दो पुष्कल विजय हैं । (८) ८. धायइसंडेण दीवे दो पुक्खलावतो,
(८) ८. पुष्कलावती विजय हैं । (९) १. धायइसंडेणं दीवे दो वच्छा,
(९) १. वत्स नाम वाले दो विजय हैं। (१०) २. धायइसंडेणं दीवे दो सुवच्छा,
(१०) २. दो सुवस्स विजय हैं। (११) ३. घायइसंडेण दीवे दो महावच्छा,
(११) ३. दो महावत्स विजय हैं। (१२) ४. धायइसंडेणं दीवे दो वच्छगावती,
(१२) ४. दो वत्सगावती विजय हैं। (१३) ५. धायइसंडेणं दीवे दो रम्मा,
(१३) ५. दो रम्य विजय हैं। (१४) ६. धायइसंडेणं दीवे दो रम्मगा,
(१४) ६. दो रम्यक् विजय है । (१५) ७. धायइसंडेणं बीवे दो रमणिज्जा,
(१५) ७. दो रमणीय विजय हैं । (१६) ८. धायइसंडेणं दीवे दो मंगलावती,
(१६) ८. दो मंगलावती विजय हैं । -ठण २, उ० ३, सु० १०० अवरमहाविदेहे चक्कवटिविजया
पश्चिम महाविदेह में चक्रवर्ती विजय७२२. (१७) १. धायइसंडेणं दीवे दो पम्हा,
७२२. (१७) १. दो पक्ष्म नाम वाले विजय है । (१८) २. धायइसंडेणं दीवे दो सुपम्हा,
(१८) २. दो सुपक्ष्म विजय हैं । (१६) ३. धायइसंडेणं दीवे दो महापम्हा,
(१६) ३. दो महापक्ष्म विजय हैं। (२०) ४. धायइसंडेणं दीवे दो पम्हगावती,
(२०) ४. दो पक्ष्मकावति विजय हैं । (२१) ५. धायइसडेणं दीवे दो संखा,
(२१) ५. दो शंख विजय हैं । (२२) ६. धायइसंडेणं दीवे दो णलिणा,
(२२) ६. दो नलिन विजय हैं । (२३) ७. धायइसंडेणं दीवे दो कुमुया,
(२३) ७. दो कुमुद विजय हैं। (२४) ८. घायइसंडेण दीवे दो सलिलावती,
(२४) ८. दो सलिलावति विजय हैं।
१ (क) जम्बुद्वीप के महाविदेह में ३२ विजय, भरत क्षेत्र में एक विजय, एरवत क्षेत्र में एक विजय, ये ३४ विजय और ३४
उनकी राजधानियाँ हैं। इसी प्रकार धातकीखण्ड के पूर्वाध में ३४ विजय, ३४ राजधानियाँ हैं तथा पश्चिमार्ध में ३४ विजय, ३४ राजधानियाँ हैं।
सब मिलकर ६८ विजय और ६८ राजधानियाँ धातकीखण्ड में हैं। (ख) जम्बुद्वीप में जितने क्षेत्र पर्वत आदि हैं उनसे दुगुने क्षेत्र पर्वत आदि धातकीखण्ड में हैं' यह विधान स्थानांग अ. २. उ.३,
सूत्र १२ में है। अतः धातकीखण्ड में ६८ विजय और ६८ राजधानियां हैं।