SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 139
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६१ mmmx ५४० ५४८ ( ११. ) सूत्रांक पृष्ठांक सूत्रांक पृष्ठांक: सर्व सूर्यमण्डलों के मार्ग में सूर्य के गमनागमन चन्द्र-सूर्यों का अवभासक्षेत्र, उद्योतक्षेत्र, तापक्षेत्र के रात दिनों का प्रमाण और प्रकाश क्षेत्र सूर्यमण्डलों में सूर्य की एक बार अथवा दो बार एक युग में सूर्य और चन्द्र की गति संख्या ६२ गति ३६ ५३१ चन्द्र-सूर्य अर्द्धमास में चन्द्र-सूर्य की मण्डल गति ६३ ५६६ सूर्य का एक मण्डल से दूसरे मण्डल की ओर । प्रथम चन्द्रायण ५६६ संक्रमण ५३२ द्वितीय चन्द्रायण प्रत्येक अहोरात्र में सूर्य की एक मण्डल से दूसरे तृतीय चन्द्रायण ५७१ मण्डल में संक्रमण क्षेत्र की गति ५३३ चन्द्र और सूर्य से नक्षत्रों का योगकाल ६४ ५७३ सूर्य की द्वीप-समुद्र के अवगाहनान्तर गति पूर्णिमाओं में चन्द्र और सूर्य का नक्षत्रों से योग ६५ ५७४: सूर्यों की तिरछी गति ५३६ अमावस्याओं में चन्द्र और सूर्य के साथ सूर्य की मुहूर्त-गति का प्रमाण नक्षत्रों का योग . ६६. ५७५. प्रत्येक मुहूर्त में सूर्य की मुहूर्त गति के प्रमाण हेमंति आवृत्तियों में चन्द्र-सूर्य के नक्षत्रों का। का प्ररूपण ५४७ योगकाल प्रत्येक मुहूर्त में मण्डल के भागों में गति के वार्षिकी आवृत्तियों में चन्द्र-सूर्य के नक्षत्रों का प्रमाण का प्ररूपण योगकाल ६८५७८आदित्य संवत्सर में अहोरात्र का प्रमाण ५४८ लवणसमुद्र के अन्दर के चन्द्र-सूर्य द्वीपों का उपसंहार सूत्र प्ररूपण सूर्य के गमनागमन से विषम अहोरात्र का लवणसमुद्र के बाहर के चन्द्र-सूर्य द्वीपों का प्ररूपण ५५२ प्ररूपण ५७६सूर्य की दक्षिणार्द्ध मण्डल-संस्थिति ५५२ धातकीखण्डद्वीप के चन्द्र-सूर्य द्वीपों का प्ररूपण ७१. सूर्य की उत्तरार्ध मण्डल-संस्थिति कालोदगसमुद्र के चन्द्र-सूर्य द्वीपों का प्ररूपण उत्तर दिशा के प्रथम, द्वितीय और तृतीय सूर्य पुष्करद्वीपगत और शेष सब द्वीप-समुद्रगत ___ मण्डल के आयाम-विष्कम्भ का प्ररूपण ४८ । चन्द्र-सूर्यों के चन्द्र-सूर्य द्वीपों का प्ररूपण ७३. उत्तरायण और दक्षिणायन में सूर्य को गति देवद्वीपगत चन्द्र-सूर्यों के चन्द्र-द्वीपों का ___ की हानि-वृद्धि का प्ररूपण प्ररूपण सूर्य का पूर्णिमाओं में योग ५५७ देवोद समुद्रगत चन्द्र-सूर्यों के चन्द्र-द्वीपों का सूर्य का अमावस्याओं में योग ५५८ प्ररूपण स्वयम्भूरमण द्वीपगत चन्द्र-सूर्यों के चन्द्र-सूर्य चन्द्र-सूर्य वर्णन ५२-७७ ५५६-५८४ द्वीपों का प्ररूपण ७६. ५८३. ज्योतिष्केन्द्र चन्द्र और सूर्य स्वयम्भूरण समुद्रगत चन्द्र-सूर्यों के चन्द्र-सूर्यप्रत्येक चन्द्र-सूर्य के परिवार का प्ररूपण द्वीपों का प्ररूपणः चन्द्र-सूय की परिभाषाएँ ग्रह वर्णन ७८-८७५८४-५८८ दक्षिणार्ध-उत्तरार्ध मनुष्य क्षेत्र में ज्योतिष्केन्द्र अट्ठयासी महाग्रह चन्द्र-सूर्य आठ महाग्रहों के नामों का प्ररूपण:: चन्द्र और सूर्यों का अनुभाव (स्वरूप) छह तारक ग्रहों का प्ररूपण ५८५. चन्द्र-सूर्य के मण्डलों का आकार ५६२ शुक्र महाग्रह की वीथियों का प्ररूपण" ५८५ चन्द्र सूर्य मण्डलों के समांश का प्ररूपण ५६३ शुक्र के उदयास्त का प्ररूपण । ८२ ५८६ - चन्द्र-सूर्य की संस्थिति ५६ ५६३ राहु के दो प्रकार ५८६ज्योत्स्ना (आतप-अन्धकार) आदि के लक्षण ६० ५६५ राहु के नौ नाम ५८६ ५५६ ५५६ ५८५ Xxurur
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy