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४७६
( १०६ ) सूत्रांक पृष्ठांक
सूत्रांक पृष्ठांक - चन्द्रमण्डलों की संख्या
जम्बूद्वीप में सूर्य वर्तमान क्षेत्र को उद्योतित चन्द्रमण्डल का प्रमाण
करते हैं पन्द्रह चन्द्रमण्डलों का अवगाहन क्षेत्र
४६६ जम्बूद्वीप में सूर्य वर्तमान क्षेत्र को प्रकाशित * प्रत्येक चन्द्रमण्डल का अन्तर
करते हैं .. सर्व आभ्यंतर और सर्व बाह्य चन्द्रमण्डलों का
जम्बूद्वीप में सूर्यों का ताप क्षेत्र प्रमाण अन्तर
सूर्य के ताप-क्षेत्र की संस्थिति मन्दर पर्वत से सर्व आभ्यन्तर और सर्व बाह्य
तापक्षेत्र संस्थिति की दो बाहाये चन्द्रमण्डलों का व्यवधान रहित अन्तर ९८४
तापक्षेत्र संस्थिति की परिधि . सर्व आभ्यन्तर और बाह्य चन्द्रमण्डलों का
तापक्षेत्र और अन्धकार क्षेत्र के आयामादि का १३ ५०७ आयाम-विष्कम्भ तथा परिधि ९८५ ४७१
प्ररूपण - सर्व आभ्यन्तर और बाह्य चन्द्रमण्डलों में चन्द्र
जम्बूद्वीप में सूर्यों की क्षेत्रों में क्रिया प्ररूपण १४ ५०८ ___ की एक मुहूर्त की गति का प्रमाण १८६
जम्बूद्वीप में सूर्य दूर और समीप किस प्रकार • प्रत्येक मुहूर्त में मण्डल के भागों में चन्द्र की
दिखाई देते हैं गति का प्ररूपण
पौरुषी-छाया उत्पत्ति • योगों का चन्द्र के साथ योग प्ररूपण
४७६
पौरुषी-छाया का निष्पादन चन्द्र का पूर्णिमाओं में योग
पौरुषी-छाया का निवर्तन चन्द्र का अमावस्याओं में योग
४७८ पौरुषी-छाया का प्रमाण - जम्बूद्वीप के चन्द्रों के चन्द्रद्वीप
९६१ ४७९ सूर्य मण्डलों की संख्या
५१७ । चन्द्रद्वीपों के नाम का हेतु
६६२ ४७६ जम्बूद्वीप में सूर्यमण्डलों की संख्या
२२ ५१८ - चन्द्रा राजधानियों का प्ररूपण
९९३ ४८० लवण समुद्र में सूर्य-मण्डलों की संख्या - सूर्य-चन्द्र और नक्षत्रों से अविरहित-विरहित
निषध और नीलवंत पर्वत पर सूर्यमण्डलों तथा सामान्य चन्द्रमंडलों की संख्या ९६४ ४८०
की संख्या का प्ररूपण
५१८ • सूर्य वर्णन
सूर्यों की एक दूसरे से अन्तर गति ६६५-५१ ४८१-५५८
५१८
सूर्यों के संचरण क्षेत्र सूर्य शब्द का विशिष्टार्थ
९६५ ४८२
सर्व आभ्यन्तर और बाह्य सूर्यमण्डलों का - सूर्य के स्वरूप अन्वयार्थ-प्रभा-छाया और
व्यवधान रहित अन्तर
२७
५२३ ___ लेश्याओं का शुभत्व
सूर्यमण्डल का आयाम-विष्कम्भ और बाहल्य २८ ५२३ - सूर्य के उदयास्त को लेकर अन्तर, प्रकाश,
सूर्य के सर्वमण्डलों का बाहल्य, आयाम-विष्कम्भ क्षेत्रादि का प्ररूपण
९९७ और परिधि
२६ ५२३ - लवण समुद्र में सूर्योदयादि का प्ररूपण ६६८
सर्व सूर्य मण्डलों का बाहल्य, अन्तर और मार्ग · धातकीखण्ड में सूर्योदयादि की प्ररूपणा ___६६६
प्रमाण
३० ५२७ - कालोद समुद्र में सूर्योदय आदि का प्ररूपण १०००
सूर्यमण्डल का आयाम-विष्कम्भ, परिधि और . आभ्यन्तर पुष्करार्ध में सूर्योदयादि का प्ररूपण १ . सूर्य की उदय व्यवस्था
३१ २ बाहल्य
५२८ ४८७ - सूर्य के ओज (प्रकाश) की संस्थिति (एक
सूर्यमण्डलों का आयाम-विष्कम्भ-परिधि और रूप में रहने की सीमा)
३ ४६३
मण्डलों के विष्कम्भ की हानि-वृद्धि सूर्य के प्रकाशित पर्वत
४ ४६८
प्रत्येक सूर्यमण्डल का अन्तर - सूर्य के तेज को अवरुद्ध करने वाले पर्वत
४६६ मन्दर पर्वत से सूर्यमण्डलों का अन्तर और ६. जम्बूद्वीप में सूर्यों की गति क्षेत्र का प्ररूपण
मण्डलों में गति की हानि-वृद्धि ३४ ५३०
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