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९४ | गणितानुयोग : भूमिका
७-ग्रह
ज्योतिर्मण्डल में ग्रहों का भी महत्वपूर्ण स्थान है, उनका किंचित् परिचय निम्नलिखित कोष्ठक से ज्ञात हो सकेगा । औसत परिक्रमा का समय वर्षों में
ग्रह का सूर्य से औसत दूरी मीलों में
नाम
१. बुध
२. शुक्र ३. पृथ्वी ४. मंगल
| ३,६०,००,००० ६,७२,००,००० ६,२६,००,०००
व्यास मीलों में
१४, १५,००,०००
५. बृहस्पति ४८,३२,००,०००
६. शनि
[ ८८,५६,००,०००
७. अरुण
३०३० ०.२२ ७७०० ०.६२ ७६१८ १.०० ४२३० १.८८ ८६५०० ११.८६ ७३००० | २६.४६
८. वरुण
१,७८, २२,००,००० ३१६०० ८४.०२ २,७६,१६,००,००० ३४८०० १६४.७८ ९. कुबेर ३,७०,००,००,००० / ३६०५ २५०.०० | अज्ञात
१
उपग्रहों की संख्या
o
१
२
ह
ह
सूर्य है, जो अपने ग्रहों को साथ लिए ऐरावत- पथ पर बराबर घूम रहा है। पूर्व ऐरावत पथ में लगभग ५०० करोड़ तारे विद्य मान हैं। इनमें से बहुतों को हम नहीं देख सकते हैं, क्योंकि वेद हमारे सामने से दिन में निकलते हैं, अतः सूर्य के प्रकाश में उनका प्रकाश हमें नहीं दिखाई देता है। तारों के अतिरिक्त ऐरावत य
में धुन्ध, गैस और धूल भी अधिक मात्रा में है। रात्रि में अनेक तारागणों का प्रकाश एकत्रित होकर इस गैस और धूल को प्रका-शित कर देता है ।
इस प्रकार सारे विश्व या लोक का प्रमाण असंख्य हैं और आकाश का तो कहीं अन्त ही नहीं दिखाई देता है । तारागणों
का आकाश में जिस प्रकार वितरण है, तथा आकाश गंगा में जो तारापुञ्ज दिखाई देता है, उस पर से अनुमान लगाया गया है कि तारामण्डल सहित समस्त लोक का आकार लेन्स के समान है, अर्थात ऊपर नीचे को उभरा हुआ और बीच में फैला हुआ गोल है, जिसकी परिधि पर आकाश गंगा दिखाई देती है और उभरे
सूर्य तथा उसका ग्रह-कुटुम्ब मिलकर सौर्य मण्डल कहा हुए भाग के मध्य में सूर्य- मण्डल है ।
जाता है ।
८ - लोक या ब्रह्माण्ड का आकार
जिसको हम ब्रह्माण्ड कहते हैं, उसमें अनेक सौर्य मण्डल हैं । ऐसा अनुमान किया जाता कि ऐसे सौर्य मण्डलों की संख्या लग भग १० करोड़ है । हमारा सौर्य मण्डल 'ऐरावत पथ' (मिल्की वे ) नामक ब्रह्माण्ड में स्थित है। ऐरावत पथ के चन्द्र रूपी पथ के लगभग २/३ भाग पर एक पीला बिन्दु है । यही बिन्दु हमारा
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प्रस्तुत प्रस्तावना के लेखन में जिन लेखकों की रचनाओं का उपयोग किया गया है, मैं उन सबका आभारी हूँ साथ ही पं० मुनि श्री कन्हैयालाल जी महाराज 'कमल' का विशेषतः आभार: मानता हूँ, जिन्होंने अपने इस महान श्रम-साध्य 'गणितानुयोग'-- संकलन की प्रस्तावना लिखने का अवसर प्रदान किया ।
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- हीरालाल 'सिद्धान्तशास्त्री''न्यायतीर्थ'.