SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 252
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ इसि-भासियाई दूसरे बाण शरीर को लगते हैं, शरीर धराशायी हो जाता है और जीवन की यात्रा समाप्त हो जाती है। किन्तु कोष का बाण हजारों भनों को विकृत करता है। यह कोध का ही परिणाम था कि गौशालक ने भ. महावीर जैसे पवित्र सन्त पर तेजोलेश्या की। विश्व के महायुद्ध और संहार का इतिहास भी कोष की कलम से लिखा गया है। विपाक सूत्र की धाएं भी कषाय का परिणाम बता रही हैं। अण्णाणविप्पमूढप्पा पच्चुप्पण्णाभिधारण। माणं किया महावाणं अप्पा विधह अप्पर्क ॥३॥ मण्णे याणेण यिद्धे तु भवमेकं विणिजति । माणयाणे विद्धे तु णिज्जती भवसंतति ॥ ४॥ अर्थ:-अज्ञान से घिरा हुआ आत्मा वर्तमान को ही पकड़ कर रखता है और मान को महावाण बनाकर आत्मा अपने आपको वींध लेता है। बाण से नौधा हुआ व्यक्ति एक ही भर को नष्ट करता है, किन्तु मान के बाण से वींधा हुआ व्यक्ति अनेक भनों को विकृत करता है, ऐसा मैं मानता हूं। गुजराती भाषान्तर:-- અજ્ઞાનથી ઘેરાયેલો માણસ ચાલૂ હાલત ને પકડી રાખે છે અને અહંકારને મહાબાણ બનાવી પોતે જ પોતાને माय ( मोटो स्या)री छ. બીજા બાણથી ઘાયલ થયેલ માણસ એકજભવને નાશ કરે છે, જ્યારે અહંકારના બાણથી ઘાયલ થએલો. માણસ ઘણાજ ભવોને બગાડે છે, એમ હું માનું છું. अहंकार मानव-मन का नागपाश है । दर्प का सर्प जब मानर को डसता है तो उसके नशे में अपने आपको सर्वश्रेष्ठ मान बैठता है । मगरूर की हवा उसे फूला अवश्य देती है, किन्तु चैन से कहीं बैठने नहीं देती। यह भी निश्चित है मनुष्य जितना छोटा होता है उसका अहंकार उत्तना ही बड़ा होता है। पश्चिमी विचारक फॅकलिन ने कहा है-घमंडी व्यक्ति भी दूसरे के घमंड से नफरत करता है। फिर भी उसे अहंकार से नफरत नहीं है, क्योंकि वह अपने आपको बहुत बधा मानता है। नम्रता ने शैतान को फरिश्ता बनाया है तो अहंकार ने फरिश्ते को शैतान बनाया है। अहंकार ज्ञान का सबसे बड़ा अवरोधक हैं। बाहुबली को अल्प अहंकार भी उनकी साधना का सबसे बड़ा बाधक बन गया था। अण्णाणविप्पमूढष्णा पञ्चुप्पण्णाभिधारए । मायं किच्चा महावाण अप्पा विधह अप्पकं ॥५॥ मण्णे घाणेण विद्धे तु भवमेकं विणिज्जति । मायावाणेण विद्धे तु णिज्जती भवसंततिं ॥ ६॥ अर्थ:-अज्ञान के आवरण में रहा आत्मा वर्तमान को ही पड़ता है। माया को महाबाण बनाकर आत्मा अपने आपको वींधता है। दूसरे वाण से वीधे जाने पर एक ही भव नष्ट होता है, किन्तु माया के वाण शेत्रींधा गया व्यक्ति भवपरंपरा को विकृत करता है, ऐसा मैं मानता हूं। गुजराती भाषान्तर : અજ્ઞાનના આવરણથી ઢંકાયેલે આત્મા હાલની પરિસ્થિતિને પકડીને જ બેસે છે. તે માણસ માયાનો મહાબાણ બનાવી પોતે જ પોતાને ઘાયલ કરી લે છે. 1. It was ride that changed angels into devils it is humility that makes mern us angels.
SR No.090170
Book TitleIsibhasiyam Suttaim
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManoharmuni
PublisherSuDharm Gyanmandir Mumbai
Publication Year
Total Pages334
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Principle
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy