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________________ कि "पाँच देव मन्दिर भी है, जिनमें सब प्रकार के साघु उपासना करते हैं। " स्थानेश्वर के विषय में उसने लिखा है कि "कई सौ देव मन्दिर बने हैं, जिनमें नाना जाति के अगणित भित्र धर्मावलम्बी उपासना करते हैं। ” ऐसे ही उल्लेख अन्य नगरों के सम्बन्ध में उसने किये हैं। राजगृह के वर्णन में ह्वेनसांग ने लिखा है कि “विपुल पहाड़ी की चोटी पर एक स्तूप उस स्थान में हैं, जहाँ प्राचीन काल में तथागत भगवान् ने धर्म को पुनरावृत्ति की थी। आजकल बहुत से निर्ग्रथ लोग (जो नंगे रहते है, इस स्थान पर आते हैं और रात-दिन अविराम तपस्या किया करते हैं तथा सवेरे से सांझ तक इस ( स्तूप) की प्रदक्षिणा करके बड़ी भक्ति से पूजा करते हैं। " " पुण्ड्रवर्द्धन (बंगाल) में वह लिखता है कि "कई सौ देवमन्दिर भी हैं जिनमें अनेक संप्रदाय के विरुद्ध धर्मावलम्बी उपासना करते हैं। अधिक संख्या निग्रंथ लोगों (दिगम्बर मुनियों) की है । "४ समतट (पूर्वी बंगाल) में भी उसने अनेक दिगम्बर साधु पाये थे। वह लिखता है, “दिगम्बर साधु, जिनको निर्ग्रथ कहते हैं, बहुत बड़ी संख्या में पाये जाते हैं। "" ताम्रलिप्ति में वह विरोधी और बौद्ध दोनों का निवास बतलाता है। कर्णसुवर्ण के सम्बन्ध में भी यही बात कहता है । ६ ७ कलिंग में इस समय दिगम्बर जैन धर्म प्रधान पद ग्रहण किये हुए था। ह्वेनसांग कहता है कि वहाँ 'सबसे अधिक संख्या निर्ग्रथ लोगों की है। इस समय कलिंग में सेनवंश के राजा राज्य कर रहे थे, जिनका जैन धर्म से सम्बन्ध होना बहुत कुछ संभव है। दक्षिण कौशल में वह विधर्मी और बौद्ध दोनों को बताता है। आन्ध्र में भी विरोधियों का अस्तित्त्व वह प्रकट करता है। ' ९ १० चोल देश में बहुत से निग्रंथ लोग बताता है। - द्रविड़ के सम्बन्ध में वह कहता है कि "कोई अस्सी देव मन्दिर और असंख्य विरोधी है, जिनको निर्ग्रथ कहते हैं। ११ (88) १. हुभा, पृ. १८१ । २. हुआ, पृ. १८६ | ३. हुमा, पृ. ४७४-४७५ । ४. हुभा, पृ. ५२६ । ५. हुआ, पृ. ५३३१ ६. हुभा. पृ. ५३५-५३७१ ७. भा. पृ. ५४५ ॥ ८. वीर, वर्ष ४, पृ. ३२८-३३२ । ९. हुआ. पृ. ५४६-५५७॥ १०. हथमा, पृ. ५७० ॥ ११. हूभा, पृ. ५७२ दिगम्बर और दिगम्बर मुनि
SR No.090155
Book TitleDigambaratva Aur Digambar Muni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherDigambar Jain Sarvoday Tirth
Publication Year
Total Pages195
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size4 MB
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