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(देव शिल्प)
८. मृदंग के आकार की भूमि पर मन्दिर निर्माण करने से वंशहानि होती है।
मृदंगाकार भाने
९. सर्प एवं मेंढक के आकार की भूमि पर मन्दिर का निर्माण भयकारक होता है।
१०. अजगर के आकार की भूमि पर किया गया मन्दिर निर्माण निर्माता के लिए अत्यंत अशुभ तथा मृत्युकष्ट प्रदाता है।
११. मुद्गर के सदृश्य भूमि पर मन्दिर निर्माण करने से व्यक्ति बल पुरुषार्थ हीन हो जाता है।
१२. बांस के सदृश्य भूमि पर मन्दिर निर्माण करने से वंश का नाश होने का भय रहता है।
१३. एकदम वृत्ताकार भूमि पर निर्मित जिनालय शुभ, सदाचार वर्धक
हैं।
वृत्ताकार भूमि