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(देव शिल्प
तीर्थंकर ऋषभनाथ ऋजिम प्रासाद कमल भूषणप्रासाद
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ऋषभ जिन दलभ प्रासाद - कमलभूषण प्रसाद
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तल का विभाग प्रासाद की वर्गाकार भूमि के ३२ भाग करें। उसमें कोग
३भाग प्रतिकार्य
३भाग उपरथ
३भाग भद्रा
४ भाग करें तथा नन्दिका तथा कोणिका १-१ भाग करें।
शिखर की सजा कोण के ऊपर
४क्रम चढ़ावें प्रतिकर्ण के ऊपर
३ क्रम चढ़ावें उपरथ के ऊपर
२क्रम चढायें नन्दियों के ऊपर
२ क्रम चढ़ावे चारों दिशाओं के भद्र के ऊपर कुल २० उरुश्रृंगचढ़ावें। कोण के ऊपर, नीचे से पहला नन्दीश क्रम चढ़ावें ; कोण के ऊपर, नीचे से दूसरा नन्दशालिक क्रम चढ़ावें। कोण के ऊपर, नीचे से तीसरा' नन्दन. क्रम चढ़ावें ; कोण के ऊपर, नीचे से चौथा केसरी क्रम चढ़ावें ; उसके ऊपर एक तिलक चढ़ावें। श्रृंग संख्या
तिलक संख्या कोण
कोण प्रतिवर्ण २८० उपरथ १४४ नन्दी
२२४
भद्र
२० १६
प्रत्यंग शिखर
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१११७
कुल