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(देव शिल्प
(४१३) ४. श्री नन्दन प्रासाद इराकी रचना नदन प्रासाद की भांति है इसमें कोण के ऊपर पांच अंडक वाला केसरी श्रृंग चढ़ायें।
श्रृंग संख्या कोण (केसरी क्रम) २० भद्र शिखर
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कुल श्रीनन्दन प्रासाद सिर्फ तीन अंग वाला है :- दो कोण तथा भद्र।
५. मन्दिर प्रासाद
तल का विभाग वर्गाकार तल के छह भाग करें। इसमें कर्ण एक एक भाग का रखें । प्रतिकर्ण एक एक भाग का रखें। भद्रार्ध एक एक भाग का रखें। कर्ण और प्रतिकर्ण का निर्गम समदल रखें। भद्र का निर्गम आधा रखें।
शिखर की सजा कर्ण के ऊपर दो-दो श्रृंग चढ़ायें । भद्र के ऊपर दो- दो श्रृंग चढ़ायें। प्रतिकर्ण के ऊपर एक एक श्रृंग चढ़ायें।
श्रृंग संख्या कोण
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भद्र
प्ररथ शिखर
:
मित्ति
कुल २५ मन्दिर प्रासाद पांच अंग वाला है :दो कर्ण, दो प्रतिस्थ तथा 'मद्र।
मंदिर प्रासाद
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