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(देव शिल्प)
२. नन्दन प्रासाद
तल का विभाग प्रासाद के तल के चार भाग करें। उनमें एक एक भाग का कोण बनायें तथा दो भाग का भद्र करें भद्र में मुख गद्र भी बनायें।
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शिखर की सम्मा कोने के ऊपर एक एक श्रृंग रखें। भद्र के ऊपर दो दो उरुश्रृंग भी रखें।
श्रृंग संख्या कोण भद्र शिखर
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कुल १३ नन्दन प्रासाद सिर्फ तीन अंग वाला है :दो कोण तथा भद्र।
३. सिंह प्रासाद नन्दन प्रासाद
वल का विभाग प्रासाद का तल विभाजन नन्दन प्रासाद के समान रखें। मुख भद्र में प्रतिभद्र बनायें । भद्र के गवाक्ष के उपर उद्गम बनायें। .
शिस्तर की सजा कोण के श्रृंगों के ऊपर सिंह रखें। भद्र की रथिका के ऊपर सिंह कर्ण रखें। श्रृंगों के ऊपर भी सिंह कर्ण रखें।
श्रृंग संख्या कोण
भद्र
शिखर
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कुल १३ सिंह प्रासाद सिर्फ तीन अंग वाला है :- दो कोण तथा भद्र ।