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(देव शिल्प)
१वराज्य प्रासाद
तलका विभाग वैराज्य प्रासाद वर्गाकार तथा चार द्वार वाला होता है। इसमें प्रत्येक द्वार पर चौकी मंडप बनाया जाता है। इसकी वर्गाकार भूमि के सोलह भाग करें । गध्य के चार भागों में गर्भगृह बनायें। शेष में २ भाग दीवार तथा २ भाग की भ्रमणी अर्थात् परिक्रमा बनायें।
शिखरकी सज्जा शिखर की ऊंचाई का मान प्रासाद की चौड़ाई से सवा गुना करें। इस पर आमलसार तथा कलश चढ़ाना चाहिये। चारों दिशाओं में शुकनास तथा सिंह कर्ण लगायें । चार द्वार लगाने की स्थिति में चारों दिशाओं में द्वार लगाना आवश्यक है। यह काल्याणकारक है।
वैराज्य प्रासाद सिर्फ एक अंग - एक कोण वाला है।
सम
भित्ति
वैराज्य प्रासाद