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(४०७
(दव शिल्प
. २१.उरावत प्रासाद मुकुटोज्ज्वल प्रासाद में कोण के ऊपर के तिलक के स्थान पर श्रृंग चढ़ायें।
ख्या
तिलक संख्या कोण १२ कर्ण नन्दी प्रत्थंग ८ प्ररथम नन्दी प्रस्थ २४ -न्दो भट्रनन्दी ८ भद्र १६ शिखर १
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कुल ८५
कुल
१६
२२. राजहंस प्रासाद ऐरावत प्रासाद में कोण के ऊपर के तीसरे श्रृंग के स्थान पर तिलक चढ़ायें , भद्रनंदी पर एक श्रृंग
बनायें।
तिलक संख्या कोण ४ कर्ण नन्दी प्ररथ नदी ८
श्रृंग संख्या कोण ८ प्रत्यंग ८ कर्णनन्दी ८ प्ररथ २४ प्रस्थनन्दी ८ भन्द्रनन्दी १६ भद्र १६ शिखर १
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फुल
८९
कुल
२०