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(देव शिल्प)
१४. अडानी
प्रासाद
इसका निर्माण इन्द्रनील प्रासाद के अनुसार ही किया जाता है इसमें कर्ण नदी के तिलक के स्थान पर श्रृंग चढ़ायें तथा कोने के ऊपर से एक अंग हटाकर एक तिलक रखें ।
श्रृंग संख्या
कोण
कर्णगन्दी ८
प्रत्यंग ८
प्रतिरथ भद्र नन्दी ८
भद्र
शिखर
४
कुल
१६
१२
१
५७
कुल
श्रृंग संख्या
कोण
नन्दी
८
८
प्रत्यंग ८
प्रतिरथ १६
नदी ८
भद्र
शिखर १
१२
१५ भूधर प्रासाद
इराका निर्माण महानील प्रासाद के अनुसार ही किया जाता है इसमें कोण के ऊपर एक श्रृंग अधिक चढ़ायें ।
कुल
६१
तिलक संख्या
कोण
४
है
कुल
तिलक संख्या
कोण
४०३
४
४