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(देव शिल्प
(३९८)
8. मन्दरप्रासाद
तल का विभाग प्रासाद की वर्गाकार भूगि के बारह भाग करें। कोना २ भाग, प्रतिकर्ण २ भाग, भद्राई २ भाग करें। छह भाग का गर्भगृह बनायें। एक एक भाग की दोनों दोवार तथा एक एक भाग की परिक्रमा बनायें । गर्भगृह के बाहर कोणा, प्ररथ, भद्रार्ध ये सभी दो दो भाग का रखें । उसका निर्गम समदल रखें । भद्र की निर्गम एक भाग का रखें।
शस्पर की सज्जा को के उपर दो दो श्रृंग चढावें भद्र के ऊपर दो दो उस श्रृंग चढ़ायें. प्रतिरथ के ऊपर एक एक श्रृंग चढ़ायें आमलसार, कलश, रेखा, गवाक्ष, उद्गम सभी शोभायुक्त बनाना चाहिये।
14.
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श्रृंग संख्या कोण प्रस्थ
भट्र
शिखर
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...Jal
कुल
भ्रम मिति
मंदर प्रसाद