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(देव शिल्प)
३. नन्दन प्रासाद
इराका निर्माण सर्वतोभद्र प्रासाद के अनुसार ही किया जाता है किन्तु भद्र के गवाक्ष एवं उदगम को ऊपर एक एक उरुश्रृंग और चढ़ावें।
श्रृंग संख्या कोण
भद्र
शिखर
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कुल १३
४.नन्दिशाल प्रासाद इराका निर्माण नन्द- प्रासाद के अनुसार ही किया जाता है किन्तु गद्र के ऊपर एक एक उरुश्रृंग और चढ़ावें।
श्रृंग संख्या कोण ८
भद्र
शिखर
१
कुल
१७
५. नन्दीश प्रासाद
इसका निर्माण सर्वतोभद्र प्रासाद के अनुसार हो किया जाता है किन्तु भद्र के स्थान पर तीन भाग का गद्र तथा डेढ़- डेढ़ भा का प्रतिरथ बायें।
शिखर की सजा कोण पर २-२ श्रृंग भद्र पर १-१ श्रृंग प्रतिरथ पर १-१ अंग चढ़ावें। .
श्रृंग संख्या
कोण
प्ररथ भद्र
शिखर
कुल
10