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देव शिल्प
मन्दिर कार्य आरम्भ के समय निर्बल ग्रह
जिस समय मन्दिर निर्माण कार्यासभ किया जाना है, उस समय की ग्रह स्थिति मूलनायक की राशि में देखी जाती है। इस समय जो ग्रह निर्बल स्थिति में रहने पर विभिन्न फल देते हैं। ग्रह की निर्बल स्थिति का प्रभाव इस सारणी में दृष्टव्य है। कुल मिलाकर सर्वश्रेष्ठ समय का चयन करें। यह ध्यान रखें कि निम्नलिखित स्थिति में ग्रह निर्बल समझे जाते हैं.
9.
जो ग्रह अस्त हों
२.
नीच राशि में स्थित हों
3.
४.
शत्रु द्वारा देखे जा रहे हों
वक्र हों
उल्कापात के कारण दूषित हों
५.
19.
शत्रु से पराजित हों
बाल या वृद्ध हों
अतिचारी हों
६.
८.
सूर्य
चन्द्र
मंगल
बुध
गुरु
शुक्र
शनि
निर्बल ग्रह मन्दिर निर्माण आरम्भ के
समय शुभ फल नहीं देते। मन्दिर निर्माण आरंभ के समय निर्बल ग्रहों के फल का विचार करके ही मुहूर्त चयन करना चाहिये । मन्दिर निर्माण आरम्भ के समय
परिणाम
निर्बल ग्रह
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प्रमुख व्यक्ति को पोड़ा
प्रमुख व्यक्ति को स्त्री दुख समाज को पीड़ा
पुत्रों को पीड़ा
सुख सम्पत्ति की हानि
धन हानि
सेवकों को पोड़ा
मन्दिर निर्माण आरम्भ के लिये लग्न शुद्धि
जन्म राशि से १/६/१० तथा ११ वीं लग्न तथा जन्म लग्न से आठवें लग्न को छोड़कर शेष लग्नों
में कार्यारम्भ करें। लग्न से ३, ६, ११ वें स्थान में पाप ग्रह हों तथा केन्द्र ( १, ४, ७, १०) तथा त्रिकोण (५.८)
में तब मन्दिर कार्यारम्भ करें।
ध्यान रखें कि मन्दिर निर्माण आरम्भ के समय यदि पाप ग्रह हों तो वे प्रमुख व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनेंगे।