________________
(देव शिल्प)
मन्दिर आरम्भ के समय सूर्य फल
जिस दिन कार्य आरंभ करना हो उस दिन मुख्य रुप से जिन भगवान की प्रतिमा (मूल नायक प्रतिमा) मंदिर में स्थापित करना है उनकी नाम राशि पर सूर्य होने पर तथा उनके राशि से क्रमानुसा अलग-अलग राशियों के सूर्य का प्रभाव देखकर ही मुहूर्त चयन करना चाहिये।
१.
२.
मंदिर कार्य आरम्भ के दिन मूलनायक की राशि पर सूर्य होने का प्रभाव मन्दिर निर्माण का कार्य आरम्भ करने का समय चथन करते समय विशेषज्ञ (ज्योतिष विद्) विद्वान का परामर्श लेना उपयुक्त है । जिरा दिन मन्दिर का कार्य प्रारम्भ किया जाता है, उस समय मूलनायक की कौन - सी राशि पर सूर्य की स्थिति है, यह निर्माण करना है। सूर्य जब बलवान स्थिति में हो तभी मन्दिर
का कार्य आरम्भ करना चाहिये।
होंगे -
निम्नलिखित सारणी का अवलोकन करने से पाठक सूर्य की स्थिति के प्रभाव से अवगत
नाम राशि पर सूर्य
नाम राशि से प्रथम राशि पर सूर्य होने पर
नाम राशि से दूसरी राशि पर सूर्य होने पर
तीसरी राशि पर सूर्य होने पर
चौथी राशि पर सूर्य होने पर पांचवीं राशि पर सूर्य होने पर
छठवीं राशि पर सूर्य होने पर
नाम राशि से नाम राशि से नाम राशि से नाम राशि से नाम राशि से नाम राशि से नाम राशि से नाम राशि से नाम राशि से
सातवींराशि पर सूर्य होने पर आठवीं राशि पर सूर्य होने पर
नवमी राशि पर सूर्य होने पर दसवीं राशि पर सूर्य होने पर धारहवीं राशि पर सूर्य होने पर
नाम राशि से बारहवीं राशि पर सूर्य होने पर विशेष रूप से पुनरपि यह स्मरण रखें
मन्दिर आरम्भ में सुयोग
परिणाम
उदर पीड़ा
धन नाश
कन्या, मीन, मिथुन में धन लाभ होता है कुम्भ, सिंह, वृषभ में सर्व सिद्धि प्राप्त होती है।
३५८
धन लाभ
समाज में भय
पुत्र नाश
शत्रु विजय
स्त्री कष्ट
प्रमुख व्यक्ति का अवसान
धर्म में अरुचि
कार्य सिद्धि
लक्ष्मी लाभ
धननाश
कि सूर्य बलवान होने पर ही मन्दिर बनवाना चाहिये।