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(देव शिल्प
(३४०) प्रतिष्ठा मण्डप
पंच कल्याणक प्रांतेष्टा मण्डप का आकार १५० हाथ लम्बा तथा १०० हाथ पीड़ा हो । उसमे बंदी का चबूतरा २४ हाथ लम्बा एवं इतना ही चौड़ा वर्गाकार बनायें । वेदी की
चाई २ से ४ हाथ रखें। इसमें ही मध्य में एक वर्गाकार वेदी ( हाथ लम्बी तथा इतनी ही चौड़ी बनायें इरो सागरण्डल वेदी पाहत हैं । इराकी ऊंचाई १/६ हाथ रखें । इसी के सामने ४ हाथ लम्बा-चौडा समवशरण मण्डल बनायें। इसके पीछे १ हाथ के अन्तर से तीन कटलो बनवायें जो २-२ हाथ चौड़ी तथा १-१ हाथ ऊंची हो। पीछे की दीवाल की ऊंचाई ३,१/२ हाथ रखें।
वेदिका
पंच कल्याणक
प्रतिष्ठा मंडप