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(दव शिल्प
२८६)
२८६
तीर्थकर सुविधिनाथ (पुष्पदन्त)
अजित यक्ष
विशे.
दिग.
वर्ण
श्वे श्वेत कछुआ
श्वेत कछुआ चार अक्षमाला, वरदान शक्ति, फल
वाहन भुजा दाहिने हाथ में बायें हाथ में
चार
माला, बिजौर नेवला, भाला
महाकाली देवी (भृकुटि देवी)
थे. -- सुताश दिग. कृष्ण कछुआ
विशे. वर्ण वाहन भुजा दाहिने हाथ में बायें हाथ में
चार
मुद्गर, वरदान वज,फल
चार वरदान, माला कलश, अंकुश
रा
अजित यक्ष
महाकाली (भृकुटि) देवी