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________________ (देव शिल्प) ( २८५) विशे. वर्ण वाहन तीर्थंकरचन्द्रप्रभ श्याम यक्ष श्वे.- विजय दिग. कृष्ण कबूतर तीन चार माला, वरदान फरसा, फल ल भुजा दाहिने हाथ में बायें हाथ में मुद्गर दिग. वर्ण ज्वालामालिनी (ज्वालिनी) देवी श्वे.-भृकुटि (ज्वाला) विशे. श्वे. सफेद पीला वाहन भैंसा चार दाहिने हाथ में त्रिशूल, बाण, मछली, तलवार । तलवार, मुद्गर बायें हाथ में चक्र, धनुष, नागपाश, ढाल ढाल, फरसा वराह** भुजा आठ AN. WAP re Milan श्याम यक्ष ज्वालामालिनी देवी - - - - - - - - - - - - - *(हेलाचार्य कृत ज्वालामालिनी कल्प में) हाथों में त्रिशूल, पाश, मछली, धनुष, बाण, फल, वरदान, चक्र ** वरालक, ग्रास (आचार दिनकर में) ; हंस (चतु० जि० चांरेत्र में)
SR No.090130
Book TitleDevshilp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevnandi Maharaj
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size9 MB
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