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(देव शिल्प)
२७७
तीर्थंकर मषभनाथ
गोमुख यक्ष
श्वे.
दिग. सुवर्ण
गौ
विशे. कांति मुख वाहन भुजाएं दाहिने हाथ में
चार ऊपर के हाथ में फरसा, बिजौरे का फल माला वरदान धर्मचक्र
सुवर्ण गौ हाथी # चार वरदान माला बिजौरा पाश
बायें हाथ में
मस्तक पर
गोमुख यक्ष
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प्रकारान्तर (आचार दिनकर)- बैल