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________________ (देव शिल्प) २७६ तीर्थकरी के यक्ष यक्षिणी देवों के नाम * तीर्थकर यक्ष यक्षिणी ऋषभनाथ गोमुख (वृषभ) चक्रेश्वरी अजितनाथ महायक्ष रोहिणी (अजिता) ३. संभवनाथ त्रिमुख प्रज्ञप्ति (नम्रा) ४. अभिनन्दन नाथ यक्षेश्वर वजश्रृंखला (दुरितारि) ५. सुमतिनाथ तुम्बुर (तुम्बरु) पुरुषदत्ता(संसारी) पद्मप्रभ कुसुम मनोवेगा(मोहिनी) ७. सुपार्श्वनाथ बरनन्द(मातंग) काली(मालिनी) चन्द्रप्रभ विजय(श्याम) ज्वालामालिनी सुविधिनाथ अजित महाकाली(भृकुटि) १०. शीतलनाथ ब्रह्मेश्वर मानवी(चामुन्डा) ११. श्रेयांसनाथ कुमार(ईश्वर) गौरी(गोमेधकी) १२. वासुपूज्य षण्मुख(कुमार) गांधारी(विद्युत्माली) १३. विमलनाथ पाताल(चतुर्मुख) वैरोटी(विद्या) १४. अनन्तनाथ किन्नर(पातालं) अनन्तमति(क्जेिंगिणी) १५. धर्मनाथ किंपुरुष(किन्नर) मानसी(परिभृता) १६. शांतिनाथ गरुड़ महामानसी (कन्दर्प) १७. कुंथुनाथ गंधर्व जय(गांधारिणी) १८. अरहनाथ महेन्द्र(यक्षेन्द्र) विजया(काली) १९. मल्लिनाथ कुबेर अपराजिता(अनजान) २०. मुनिसुव्रतनाथ वरुण बहुरुपिणी (सुगंधिनी) २१. नमिनाथ विद्युत्प्रभ(भृकुटी) चामुन्डी (कुसुममालिनी २२. नेमिनाथ सर्वान्ह (गोमेद) कूष्मांडो २३. पार्श्वनाथ धरणेन्द्र पद्मावती २४. वर्धमान मातंग सिद्धायनी --------- * त्रिकालवी महापुरुष पृ. १४०-१४९ बृहत शान्ति धारा
SR No.090130
Book TitleDevshilp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevnandi Maharaj
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size9 MB
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