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________________ देव शिल्प फोली यज्ञमट १४० स्तंभ कोली विजय कोली फोली मृग न कोली पुष्षा भद्र गोली सुप्रभ ० स्तंभ पुष्पकः ६४ स्तभ ચો तं १७६ विश्वकर्मा कक्षित २७ मण्डप की लामावली 9 २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ मानव २८ स्तंभ १०- नन्दन ३० स्तंभ सुभद्र १२ स्तंभ श्याम भद्र १४ स्तंभ सिंहक १६ स्तंभ पदाधिक १८ तंभ कर्णिकार २० स्तंभ हर्षण २२ स्तंभ सुग्रीव २४ स्तंभ मानभद्र २६ स्तंभ १५- भूजय ३२ स्तंभ १२- शत्रुवर्धन ३४ स्तंभ १३- सुश्रेष्ठ ३६ स्तंभ १४ - विशालाच ३८. स्तंभ १५ यज्ञभद्र ४० स्तंभ १६- श्रीधर ४२ स्तंभ १७- वास्तुकीर्ति ४४ स्तंभ १८- विजय ४६ स्तंभ १९- श्रीवत्स ४८ स्तंभ २०- जयावह ५० स्तंभ २१- गजभद्र पावन ५२ स्तंभ २२- बुद्धि सन्निधि ५४ रतंभ २३- कौशल्य ५६ स्तंभ २४- मृग नन्दन ५८ स्तंभ २५- सुप्रभ ६० स्तंभ २६- पुष्प भद्र ६२ स्तंभ २७- पुष्पक ६४ स्तंभ
SR No.090130
Book TitleDevshilp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevnandi Maharaj
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size9 MB
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