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(देव शिल्प)
विश्वकर्मा कथित २७ मण्डप
सत्ताईस प्रकार के मंडपों के तल सम या विषम किये जा सकते है, किन्तु उनके स्तंभ सम संख्या में ही रखना आवश्यक है। प्रथम मण्डप १२ स्तंभों का होता है तथा २-२ स्तंभ बढ़ाने से अन्तिम मण्डप में ६४ स्तंभ हो जाते हैं। (समरांगण सूत्रधार अ. ६७ अ. पृ. १८६ )
कोठी
pado
श्यान भ १४
करतंग
कोली
सुभद्र
पर स्तभ
कोही
हर्पण २२ स्तंभ
कोली
मानव २८. भ
खोय २४स्संग
רוקה
कोली
३०२८४
को
कर्णिकार
२० स्तंभ
21
मानभद्र २६ न्तभ
भूजय
३२ स्तंभ
१७५
कोखी
होली
गर्दन
中藥自
ਆਟ ३६ स्तंभ
विश ३८ भ
उत स्तंभ