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(देव शिल्प
गूढ़ मण्डप
गर्भगृह के आगे प्रासाद की चौड़ाई के बराबर डेढ़ो, पौने दो गुनी अथवा दुगुनी चौड़ाई का गूढ मण्डप बनाना चाहिये। मण्डप में तीन या पांच सीकियां यनाडा में चारों दिशाओं में चौकियां बनायें।
गूढ़ मण्डप का प्रमाण* * प्रासाद की चौड़ाई
मण्डप का आकार (चौड़ाई) १ एवं २ हाथ (२ से ४ फुट)
सिर्फ चौकी बनायें ३ हाथ (६ फुट)
दुगुना ४ हाथ (८ फुट)
पौने दो गुना ५ से १० हाथ (१० से २० फुट) १० से ५० हाथ (२० से १०० फुट)
समान या सवाया
डेढा
प्रायः मण्डप का प्रमाण डेढ़ा या दूना अलिन्द (द्वार के सामने दालान) के अनुसार जानना चाहिये।
गूढ मण्डपकी दीवारों की रचना गूढ मंडपों की दीवार की रचना प्रासाद की रचना की तरह करना चाहिये । प्रासाद की दीवार जितने थर वाली हो वैसी ही उतने थर वाली बनायें। रुपों की आकृति भी गूढ़ मंडप में प्रासाद के अनुरुप ही बनायें।
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*व सा ३/५१.**प्रा.गं७/५-६ शब्द संकेतचौको
खांचा, चार स्तम्भों के मध्य का स्थान मुख भद्र
प्रासाद का मध्य भाग
प्रासाद का मध्य भाग (मध्यवर्ती प्रक्षेप) प्रतिरथ
कोने के पास का चौथा कोना (भद्र और कर्ण के बीच का प्रक्षेप) भद्र के पास की छोटीकोनो, कोणी
भद्र