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(देव शिल्प
(११५)
धरणी शिला के मान की गणना विधि -२ (ज्ञान प्रकाश दीपार्णव अ. ११ के मत से )
शित का मान अंगुलो/इंच में
प्रासाद
हाथ में
फुट में
मोटाई अंगुल / इंच में
१, १/३
५-१२ १०-२४ प्रत्येक में ३/४ अंगुल /इंच बढाएं १३ - २४ २६-४८ प्रत्येक में १/२ अंगुल /इंच बढ़ाएं २५-३६ ५०-७२ प्रत्येक में ३/४ अंगुल /इंच बढ़ाएं ३७ - ५० ७४-१०० प्रत्येक में १ अंगुल /इंच बढ़ाएं इस प्रकार ५० हाथ के प्रासाद में ४७ अंगुल की शिला रखें।
धरणी शिला के भान की गणना विधि -३ (अपराजित पृच्छा सूत्र १५३)
शिला का मान फुट में
अंगुलो/इंच में
प्रासाद हाथ में
ट
Conno
१२
५-८ १०-१६ प्रत्येक में ३-३ अंगुल /इंच बढ़ाएं ९ - ५० १८-१०० प्रत्येक में २-२ अंगुल/इंच बढ़ाएं इस प्रकार ५० हाथ के प्रासाद में १०८ अंगुले की शिला रखें।
थरणी शिला का अन्य मान
(अपराजित पृच्छा सूत्र ४७/१६) ९० अंगुल लंबी २४ अंगुल चौड़ो १२ अंगुल मोटी धरणी शिला रखें ।