________________
देव शिल्प
कूर्म (धरणी) शिला
कूर्म शिला से तात्पर्य ऐसी शिला से है जो कछुए के चिन्ह से अंकित हो । यह गर्भगृह की नींव के मध्य में स्थापित की जाने वाली नवमी शिला है।
यह पूर्ण शिक्षा स्वर्ण पाजत पत्र पर बनवाकर पंचामृत अभिषेक से स्नान कराकर स्थापित करना चाहिये ।
कर्म शिला की आकृति
कूर्म शिला के नौ भाग करें। प्रत्येक भाग पर पूर्व से आरंभ कर दक्षिणावर्त (क्षीराणंच / १०१ ) दिशा क्रम में एक- एक आकृति बनवायें ।
पानी की लहर
भोजन का ग्रास
१. पूर्वः २. आग्नेयः
मछली
३. दक्षिणः
मेंढक
४. नैऋत्यः
मगर
९. मध्य में
कछुआ
५. पश्चिमः
६. वायव्यः
७. उत्तरः
८. ईशानः
120 MOD
९१३
कूर्म शिला एवं अष्टशिलाएं
पूर्णकुम्भ
सर्प
शंख