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________________ विषय ५३८ ५३९ ५४० २५७ २५८ २५८ २५८ २५९ २६० २६० २६० ५४७ ५४८ २६२ ५१५ ५५० २६३ ५१८ २६५ ५५३ एकल विहार चर्या-१२ एकल बिहारी के आठ गुण अकेले भिक्षु के रहने का विधि-निषेध अपरिपक्व एकाकी भिक्षु के दोष अपवाद में एकाकी विहार का विधान एकाकी भिक्षु की प्रशस्त विहार चर्या एकाकी भिक्ष की अप्रशस्त विहार चर्या एकाकी विहारी का गण में पुनरागमन एकाकी विहारी को समाधि पनवस्य आदि के साथ व्यवहार व्यवस्था-१३ पारिहारिक के साथ भिक्षार्थ जाने का प्रायश्चित्त सूत्र पार्श्वस्थ के साथ देन-लेन करने के प्रायश्चित्त सूत्र अवसत्र के साथ देन-लेन करने के प्रायश्चित्त सूत्र कुशील के साथ देन-लेन करने के प्रायश्चित्त सूत्र संसक्त के साथ देन-लेन करने के प्रायश्चित्त सूत्र नित्यक को देने-लेने के प्रायश्चित्त सूत्र पार्श्वस्थ विहारी का गण में पुनरागमन यघाच्छन्द विहारी का गण में पुनरागमन कुशील विहारी का गण में पुनरागमन अवसन्न विहारी का गण में पुनरागमन संसस विहारी का गण में पुनरागमन अन्य लिग ग्रहण के बाद गण में पुनरागमन कलह और उसकी उपशान्ति-१४ क्लेश के प्रकार असंक्लेश के प्रकार अहित करने वाले स्थान हित करने वाले स्थान गण विग्रह के कारण गण में विग्रह न होने के कारण कलह उपशमन के विधि-निषेध अन्य के अनुपात रहने पर भी स्वयं को उपशात होने का निर्देश भनुपशान्त भिक्षु को पुनः स्वगण में भेजना समापना का फल कलह करने का प्रायश्चित्त सूत्र एकाकी आगन्तुक भिक्षु को बिना निर्णय रखने का प्रायश्चित सूत्र कलह करने वालों के साथ आहार करने का प्रायश्चित्त सूत्र कदाग्राही के साथ लेन देन करने के प्रायश्चित्त सूत्र सूबाक पृष्ठांक आगम के अनुसार प्रायश्चित देने व ग्रहण करने का विधान ५०३ २४४ तपाचार ५०४ सप का स्वरूप एवं प्रकार-1 तपकार ५०६ तप के प्रकार ५०७ २४५ आजीविक तप के प्रकार ५०८ २४६ अनपान सप-२ अनशन के प्रकार ५०९ २४६ ५९० २४६ इत्वरिक लपके भेद तपस्वी भिक्षु के कल्पनीय पानी आजीवन अनशन संलेखना का काल क्रम पंडित मरण का स्वरूप ५१३ २४७ पण्डित मरण के प्रकार भक्त-प्रत्याख्यान अनशन २४८ भक्त प्रत्याख्यात अणगार का परभव में २४८ आहार २४९ इगिनिमरण अनशन ग्रहण विधि ५१७ २५१ पादपोगमन अनशन ग्रहण विधि २५१ पादपोगमन अनशन २५१ ५२० २५१ अनशन ग्रहण करने की दिशाएँ अनशन का फल ५२१ अवमोदरिका-३ ५२२ २५२ अवमोदरिका के भेद द्रव्य अवमोपरिका का स्वरूप ५२३ २५२ द्रव्य अवमोदरिका के भेद-प्रभेद ५२४ २५२ क्षेत्र अवमोदरिका २५३ काल अवमोदरिका ५२६ २५३ भाव अवमोदरिका पर्यव अवमोदरिका ५२८ २५३ भिक्षाचर्या-४ ५२९ २५४ भिक्षाचर्या का स्वरूप भिवाचर्या के प्रकार रस परित्याग-५ रस परित्याग का स्वरूप ५३२ २५५ रस परित्याग के प्रकार ५३३ २५५ काय-क्लेश-६ काय-क्लेश का स्वरूप ५३४ २५५ काय-क्लेश के प्रकार निर्गन्धियों के लिए आतापना का विधि२५५ निषेध निन्थियों के लिए निषिद्ध काय-क्लेश ५३६ २५६ प्रतिसलीनता-७ (८४) २५१ ५५६ ५५७ ५५८ २६६ २६६ २६७ ५६० ५६१ २६८ २६८ ५६२ २६८ ५३० ५३१ २५५ ५६४ ५६५ २७२ २७२ ५६६ ५६७ २७३ २७३ ५६८ ५६९ २७४ २७५
SR No.090120
Book TitleCharananuyoga Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages571
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Conduct, Agam, Canon, H000, H010, & agam_related_other_literature
File Size18 MB
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