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________________ ३००] बरगानुयोग-२ यवमध्य चन्द्र प्रतिमा सूत्र ६२४ बहुलपक्खस्स पाडिवए से कप्पति चोइस दत्तीओ भोयणस्स कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा के दिन भोजन और पानी की चौदहपहिगाहेतए, चउद्दस पागस्स-जाव-एयाए एसणाए एसमाणे चौदह दत्तियां ग्रहण करना कल्पता है यावत् -इस प्रकार के लमेज्मा आहारेजमा, एयाए एसणाए एसमाणे को लभेज्जा अभिग्रह से एषणा करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस नो आहारेजा। पकार के नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले। विड्याए से कप्पा तेरस बत्तीओ पोषणस्स पडियाहेत्तए, द्वितीया के दिन भोजन और पानी की तेरह-तरह दत्तियाँ तेरस पाणस्स-जाव-एपाए एसणाए एसमाणे लभेम्जा आहा- ग्रहण करना कल्पता है-पावत्-इस प्रकार के अभिग्रह से रेज्जा, एयाए एसणाए एसमा गोलभेजा नो आहारेना। एषणा करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो म ले । तइयाए से कप्पड जारस वत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, तीज के दिन भोजन और पानी की बारह-बारह दत्तियाँ बारस पाणस्स-बाव-एयाए एसणाए एसमाण सभेज्जा ग्रहण करना कल्पता है-यावत्-इस प्रकार के अभिग्रह से आहारेज्जा, एयाए एसणाए एसमागे णो लभेजा नो एषणा करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के आहारेज्जा। नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले । घउत्थीए से कप्पड एस्कारस दत्सीओ भोयणस्स पडि गा. चौथ के दिन भोजन और पानी की ग्यारह-ग्यारह दत्तियाँ हेत्तए, एक्कारस पागस्स-जाव-एयाए एसणाए एसमागे ग्रहण करना कल्पता है-यावत्-इस प्रकार के अभिग्रह से लज्जा माहारेज्जा, एकाए एसणाए एसमाणे णो लभेजा एषणा करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नो आहारेजा। निगरों से पारण मारते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले। पंचमीए से कप्पद दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, दस पाचम के दिन भोजन और पानी की दस-दस दत्तियाँ ग्रहण पागस्स-जाव-एपाए एसणाए एसमागे लज्जा आहारेज्जा, करना कल्पता है यावत्-इस प्रकार के अभिग्रह से एपणा एपाए एसणाए एसमाणे णो लमज्जा नो बाहारेजा। करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले। छट्ठीए से कम्पद नव दत्सीओ मोयणस्स पविगाहेसए. नव छठ के दिन भोजन और पानी की नव-नव दत्तियाँ ग्रहण पाणल्स-जाव-एयाए एसणाए एसमाणे लज्जा आहारज्जा, करमा कल्पता है-यायत-इस प्रकार के अभिग्रह से एपण एयाए एसगाए एसमाणे णो सभेज्जा नो आहारेखमा। करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नियमों सा एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो म ले । सत्तभीए से कप्पड अट दत्तीओ मोयणस्स एनिगाहेस ए, सातम के दिन भोजन और पानी की आठ-आठ दत्तियाँ अट्ठ पाणस्स-जाव-एयाए एसणाए एसमाणे सभेजा आहा- ग्रहण करना कल्पता है-यावत्-इस प्रकार के अभिबह से रेज्जा, एकाए एसणाए एसमाणे गोलभेजा नो आहारेज्जा। एषणा करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले। अट्ठमीए से कप्पड सत्त वत्तीयो भोयणस्स पहिगाहेत्तए, आठम के दिन भोजन और पानी की सात-सात दत्तियाँ ग्रहण सत्त पाणस्स-जाव-एयाए एसणाए एसमाणे लज्जा करना कल्पला है—यावत-इस प्रकार के अभिग्रह से एषणा आहारेखजा, एपाए एसणाए एसमाणे णो लभेजा नो करते हए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नियमो से भाहारेजा। एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले । नवमीए से कप्पड छ बत्तीओ भोयणस्स पहिगाहेसए,छ नवमी के दिन भोजन और पानी की छह-छह दत्तियाँ ग्रहण पाणस्स-जाव-एमाए एसगाए एसमाणे लज्मा आहारेजा, करना कल्पता है-यावत्-इस प्रकार के अभिग्रह से एषणा एयाए एसणाए एसमाणे पोलमंजानी आहारेजा करते हए आहार प्राप्त हो तो ले. यदि इस प्रकार के नियमा से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले। दसभीए से कप्पह पंच दत्तोओ भोयणस्स पडियाहेत्तए, पंच दसमी के दिन भोजन और पानी की पांच-पांच दत्तियाँ ग्रहण पाणस-जाव-एयाए एसणाए एसमाणे लमज्जा आहारेन्जा, करता कल्पता है यावत्--इस प्रकार के अभिग्रह से एषणा एपाए एसणाए एसमाणे णो लभेजा नो आहारेज्जा । करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नियमों से एषणा करते हुए बाहार प्राप्त न हो तो न ले।
SR No.090120
Book TitleCharananuyoga Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages571
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Conduct, Agam, Canon, H000, H010, & agam_related_other_literature
File Size18 MB
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