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________________ सत्र ६२४ यवमध्य चन्द्र प्रतिमा सपाचार [२६९ छट्ठीए से कप्पइ छ रत्तीओ मोयगस्स परिमाहेत्तए छपाणस्स छठ के दिन भोजन और पानी की छह-छह दत्तियां ग्रहण -जाव-एपाए एसणाए एसमाणे लभेजा आहारेजा, एयाए करना कल्पता है यावत्-इस प्रकार के अभिग्रह से एषणा एसणाए एसमाणे णो सभेज्ना नो आहारेज्जा । करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले। सत्तमीए से कप्पा सत्त दत्तीओ भोयगस्त पग्गिाहेत्तए, सत्त सातम के दिन भोजन और पानी को सात-सात दत्तियाँ ग्रहण पाणस्स-जाव-एयाए एसणाए एसमाणे लमेजा आहारेक्जा, करना कल्पता है-यावत्-इस प्रकार के अभिग्रह से एषणा एपाए एसजाए एसयाणे गो लज्जा नो बाहारेज्जा । करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले। बट्ठमीए से कापड अट्ट वत्सीको मोयणस्स पडिगाहेत्तए, अष्ट आठम के दिन भोजन और पानी की आठ-आठ दत्तियां पाणस्स-जाव-एयाए एपणाए एसमाणे लज्जा आहारेज्जा, ग्रहण करना कल्पता है-यावत--इस प्रकार के अभिग्रह से एपाए एसगाए समाणे गो लज्जा नो आहारतजा। एषणा करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले। नक्ष्मीए से कप्पइ नव दत्तीओ भोयणस्स पडियाहेत्तए, नव नवमी के दिन भोजन और पानी की नव-नव दत्तियां ग्रहण पाणस्स-जाव-एयाए एसणाए एसमाणे लभेजा आहारेज्जा, करना कल्पता है-यावत्-इस प्रकार के अभिग्रह से एषणा एयाए एसणाए एसमाणे णो लमज्जा नो आहारेज्जा करते हुए आहार प्राप्त हों तो ले, यदि इस प्रकार के नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले । वसमीए से कप्पद बस वत्तीयो भोमणस्स पनिगाहेत्तए, दस दसमी के दिन भोजन और पानी की दस-दस दत्तियां ग्रहण पाणस्स-जाव-एयाए एसणाए एसमाणे लभेम्जा आहारेषजा, करना कल्पता है---यावत् -इस प्रकार के अभिग्रह से एषणा एयाए एसणाए एसमाणे णो लभेजा नो आहारेज्जा । करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले। एगारसमोए से कप्पड एगारस दत्तीयो भोपगस्स पडिगा- ग्यारस के दिन भोजन और पानी की ग्यारह-यारह दत्तियाँ हेत्तए, एगारस पाणस्स-जाव-एयाए एसगाए एसमाणे ग्रहण करना कल्पता है-यावत्-इस प्रकार के अभिग्रह से लमेजा आहारेउजा, एयाए एसणाए एसमाण को लभेज्जा एषणा करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नो आहारेज्जा। नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले। बारसमीए से कप्पद वारस बत्तीमो मोपणस्स पडिगाहेत्तए, बारस के दिन भोजन और पानी की बारह-बारह दत्तियाँ बारस पाणस्स-जाव-एयाए एसणाए एसमाणे लभेज्जा आहा- ग्रहण करना कल्पता है-यावत-इस प्रकार के अभिग्रह से रेजा, एयाए एसणाए एसमागे वो लभेजा नो आहारेजा। एषणा करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न से। तेरसमीए से कप्पह तेरस वसीओ भोयणस्स परिगाहतए, तेरस के दिन भोजन और पानी की तेरह-तेरह दत्तियाँ तेरस पागस्त-जाव-एपाए एसणाए एसमाणे लभेम्जा पाहा- ग्रहण करना कल्पता है-पावत्- इस प्रकार के अभिग्रह से रेज्जा, एपाए एसणाए एसमाणे पो लमेजा नो आहा- एषणा करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के रेक्जा । नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले। घोहसमीए से कम्पह पोइस रत्तीको भोयणस्स पडिगाहेत्तए, चौदस के दिन भोजन और पानी की चौदह-चौबह दत्तियां चोइस पाणस्स-जाव-एयाए एसणाए एसमार्ण लमज्जा आहा- ग्रहण करना कल्पता है-यावत्-इस प्रकार के अभिग्रह से रेग्जा, एयाए एसणाए एसमागे णो लोवा नो आहा. एषणा करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के रेजा। नियमों से एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले। पन्नरसमीए से कप्पह पन्नरस बत्तीओ मोयणस्स पडिगाहेत्तए, पूर्णिमा के दिन भोजन और पानी को पन्द्रह-पन्द्रह दतियाँ पन्नरस पाणस्स-जाव-एयाए एसणाए एसमाणे लभेजता ग्रहण करना कल्पता है-यावत्--इस प्रकार के अभिग्रह से आहारेस्त्रा, एपाए एसगाए एसमाने गो सभेजा नो करते हुए आहार प्राप्त हो तो ले, यदि इस प्रकार के नियमों से थाहारेज्जा । एषणा करते हुए आहार प्राप्त न हो तो न ले ।
SR No.090120
Book TitleCharananuyoga Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages571
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Conduct, Agam, Canon, H000, H010, & agam_related_other_literature
File Size18 MB
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