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(६४) आयुप्राण गतिमार्गणामें, काय बल योगमार्गणामें, पांचों इंद्रियां ज्ञानमार्गणामें, आहार संज्ञा और परिग्रह संज्ञा लोभकषायमार्गणामें, भयसंज्ञा क्रोधमार्गणामें, मैथुनसंज्ञा वेदमार्गणामें, ज्ञानोपयोग ज्ञानमार्गणामें और दर्शनोपयोग दर्शनमार्गणामें गर्भित हैं । इसतरह पांचोंप्ररूपणा चौदह मार्गणाओंमें गर्भित हैं । सामान्यतासे गुणस्थान और मार्गगा ये दो ही भेद हैं । अमिप्राय यह कि विशेषतासे तो पांच प्ररूपणा, चौदह मार्गणा और गुणस्थान इस तरह बीस प्ररूपणा हैं, परन्तु जब पांच प्ररूपणाओंको मार्गणाओंमें गर्भित कर लेते हैं, तब केवल दो ही भेद रह जाते हैं।
बारह प्रसिद्ध पुरुषों के नाम ।
छप्पय।
बंदौं पारसनाथ, नमौं बल रामचंद वर । कामदेव हनुवंत, प्रगट रावन मानी नर ॥ दानेस्वर स्रेयांस, सीलतें सीता नामी। तप बाहूबलि नाव, भाव भरतेस्वर स्वामी ॥ जग महादेव है रुद्रपद, कृष्ण नाम हरि जानिए। 'द्यानत'कुलकरमें नाभिनृप, भीम बलीभुज मानिए
अर्थ-तीर्थंकरों में तेईसवें तीर्थंकर पार्श्वनाथ स्वामी और बलभद्रोंमें नववें रामचन्द्र प्रसिद्ध हुए हैं । इन दोनों महात्माओंको नमस्कार करता हूं । कामदेवोंमें १८ वें