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(५९) और यदि नीचे पडता है, तो पहलेमें आकर पड़ता है। चौथे अवतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानसे ऊपर नीचे जानेके पांच मार्ग हैं । नीचे पडता है, तो तीसरे दूसरे वा पहलेमें आता है. और यदि ऊपर चढता है, तो पांचवें वा सातवें गुणस्थानमें जाता है । पांचवें गुणस्थानसे भी पांच मार्ग हैं। ऊपर चदेगा, तो सातवेंमें जायगा और नीचे पड़ेगा, तो चौथ तीसरे दूसरे या पहलेमें आवेगा । छठे गुणस्थानसे छह मार्ग हैं । पांचवें गुणस्थानसे एक अधिक है अर्थात् ऊपर चढ़ेगा, तो सातवेंमें जायगा और नीचे उतरेगा तो, पांचवें चौथे तीसरे दूसरे वा पहलेमें आ जायगा । सातवें, आठवें, नववें
और दशवें गुणस्थानसे उपशमश्रेणीवालेके तीन मार्ग हैं। दो अधो ऊर्ध्वके अर्थात् इन गुणस्थानोंसे जीव नीचे पड़ेगा, तो अनुक्रमसे एक एक उतरेगा, अर्थात् छठे, सातवें, आठवें और नववेमें आवेगा और ऊपर चढ़ेगा, तो अनुक्रमसे एक, एक ऊपर चढ़ेगा, अर्थात् आठवें नववें दशवें और ग्यारहवेंमें जावेगा । और तीसरा मार्ग मृत्युके समयका है । ऐसा नियम है कि, इन गुणस्थानोंसे यदि जीव मरण करे, तो मृत्युके समय उसका चौथा अव्रत सम्यग्दृष्टि गुणस्थान हो जाय परन्तु इन गुणस्थानोंमें मरण नहीं होता । ग्यारहवें गुणस्थानसे बारहवेंमें जानेके मार्गको छोड़कर दो मार्ग हैं । अर्थात् इस गुणस्थानवाला जीव बारहवें गुणस्थानमें नहीं चढ़ सकता । नीचे उतरेगा, तो दशमें आवेगा, और मृत्युके समय इसका भी चौथा गुणस्थान हो जायगा ।