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(५१) अर्थ-अदाई द्वीपमें एक कालमें अधिकसे अधिक इतने मुनि हो सकते हैं-छठे गुणस्थानमें ५९३९८२०६, सातवें गुणस्थानमें उससे आधे अर्थात् २९६९९१०३, आगे उपशमश्रेणीके आठवें, नवें, दशवें और ग्यारहवें इन चार स्थानोंमें सब मिलाकर ११९६, अर्थात् प्रत्येक में २९९,
और क्षपकश्रेणीके आठवें, नवें, दशवें, बारहवें तथा चौदहवें गुणस्थानोंमें मिलाकर २९९० अर्थात् प्रत्येकमें ५९८, और तेरहवें गुणस्थानमें ८९८५०२ । सबका जोड़ ८९९९९९९७ होता है । इससे अधिक मुनि एक कालमें नहीं हो सकते ।
अढ़ाईद्वीपका ज्योतिषमंडल।
कवित्त ( ३१ मात्रा )। एक चन्द इक सूर्य अठासी,
ग्रहअट्ठाइस, नखत बखान । छयासठ सहस पचत्तर नवसै,
कोड़ाकोड़ी तारे जान॥ इकसौ बत्तिस चंद इही विध,
ढाई द्वीपमध्य परवान । सब चैत्यालय प्रतिमामंडित,
बंदन करौं जोरि जुगपान ॥ ३८ ॥ १ छठे गुणस्थानसे पहले मुनि नहीं होते।