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(२८) सौ सागर वर्ष लाख छयासठ सहस छबीस, ___घाट कोर सागर चौवन तीस और है ।
नव चारि तीनि घाट पौन पल्य अर्ध पाव, ___घाट लाखौं लाख वर्ष लाखौं लाख जोर है।
चौवन छ पांच लाख सहस पौने चौरासी, ___पाव,अंतराजिनेस गावै निसि भोर है॥१९
अर्थ-आदिनाथ भगवानके मोक्ष जानेके पश्चात् पचास लाख करोड सागर वर्षमें अजितनाथ तीर्थकरका जन्म हुआ । उनके मोक्ष जानेके तीस लाख कोटि सागर वर्षे पीछे संभवनाथ तीर्थकरका उदय हुआ । उनके निर्वाणके दश लाख कोटि सागर वर्ष पीछे अभिनन्दननाथका जन्म, उनके निर्वाणके नौ लाख कोटि सागर वर्ष पीछे सुमतिनाथका जन्म, उनके निर्वाणके नब्बै हजार कोटि सागर वर्ष पीछे पद्मप्रभका जन्म, उनके निर्वाणके नव हजार कोटि सागरके पीछे सुपार्श्वनाथका जन्म, उनके निर्वाणके नौ सौ कोटि सागर वर्ष पीछे चन्द्रप्रभका जन्म, उनके मोक्ष जानेके नब्बै कोटि सागर वर्षे पीछे पुष्पदन्तका जन्म, उनके मुक्त होनेके नौ कोटि सागर पीछे शीतलनाथका जन्म, उनके सिद्ध होनेके छ्यासठ लाख छब्बीस हजार एकसौ सागर वर्ष घाटि एक करोड सागर वर्ष पीछे अर्थात् ३३७३९०० सागर वर्ष पीछे श्रेयांशनाथका जन्म, उनके निर्वाणके चौवन सागर पीछे वासुपूज्यका जन्म, उनके