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सम्बन्धी तारोंकी संख्या २४१ है । फिर इन प्रत्येक तारोंके सम्बन्धी ग्यारह सौ ग्यारह ग्यारह तारे हैं । इस तरह सब मिलाकर २६७९९२ तारे हैं । इन सब तारों में जिनेन्द्रदेव के अकृत्रिम चैत्यालय हैं, ऐसा जिनवाणीमें कहा है। कौन कौन नक्षत्रोंके कितने कितने और कौन कौन तारे हैं, यह नीचे लिखे कोष्टकमें बतलाया है:
अट्ठाईस नक्षत्रोंके तारे ।
१ कृत्तिका २ रोहिणी ३ मृग ४ आर्द्रा
५ पुनर्वसु ६ पुष्य ७ अश्लेषा
८ मघा
९ पूर्वा
१० उत्तरा
११ हस्ति
१२ चित्रा
१३ स्वाती १४ विशाखा
६ १५ अनुराधा
१६ ज्येष्ठा
च० श० १०
५
३ १७ मूल
१
१८ पूर्वाषाढ
६ । १९ उत्तराषाढ
३ २० अभिजित
४
६ २१ श्रवण २२ धनिष्ठा २ २३ शततारिका २ २४ पूर्वा भाद्रपदा
५ | २५ उत्तरा भाद्रपदा
१ | २६ रेवती
१ २७ अश्विनी
४ | २८ भरणी
अट्ठाईस नक्षत्रों के तारे प्रत्यक तारे के तारे सम्पूर्ण तार
६
३
३.
१११
२
२
३२
३
. २४१
१११२
२४१×१११२=२६७९९२