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________________ INDEX OF PRĀKRIT METRES २८१ मदनावतार (20)च ____4.83 | रगडाध्रुवक (17) च मदनावास (9.11) अच 6.19.21 | रड्डा (मात्रा+दोहक) मदनोदक (9.15) अच . 6.19.25 | रचिता (28;y.7)च मधुकरविलसित (7.16) अच 6.19.9 | रतिवल्लभ (19) च मधुकरवृन्द (10.14) अच 6.19.31 रत्नमाला (16.17) अच मधुकरी (25)च 4.83 | रत्नावली (9.17) अच मधुकरीसंलाप (10.9) अच 6.20.20 रथ्यावर्णक (37;y.12,8) द्वि मधुरालापिनीहस्त (14.17) अच | रत्नकण्ठिका (31; y. 12,8) द्वि मनोहरा (15.10) अच 6.20.32 रसनादाम (33; y. 12,8) द्वि मन्मथतिलक (8.14) अच 6.19.16 | राजहंस (16.13) अच मन्मथविलसित (16.14) अच . 6.20.52 | रावणहस्तक (7.13 ) अच मरकतमाला (13.10) अच 6.20.30 | रास (7.13) अच मलयमारुत (9.10) अच 6.19.20/ रासक (20+लग)च मल्लिका (27) च 4.80 | रासक (18+न; y. 14 ) च मल्हणक (7.10) अच 6.19.3| रासावलय (21) च महातोणक (23) च 4.51 | रिपुच्छन्दस् (गीति 31) द्वि महानुभावा (12).च 6.27 | रेवका (5) द्वि मागधनकुटी (22) च 4.71 लक्ष्मिका ( mixed अधिकाक्षरा) च माङ्गलिका (9.12) अच 6.19.22 लम्बिता गलितक (22)च मात्रा (16.12.16.12.16)प | लय (28) द्वि मारकृति (11)च . 6.26 | ललिता (गीति 31;y.18) द्वि 6.26 मालतीकुसुम (12.8) भच 6.20.14 ललिता गलितक (24) च मालागलितक (46) च .. 4.33 | लवली (9) द्वि मालागलिता (33)च . 4.38 लीलालय (17.7) अच मालागाथ (94.27) द्वि 4.22 वदनक (16) च मालादाम (98.27) द्वि 4.23 वसन्तलेखा (14.16) अच मालाध्रुवक (40 to 42)च , 7.57 | वसन्तलेखा श्रीधवल मालाविलसित (8.15) अच 6.19.17 | वसन्तोत्सव (45) च मुक्ताफलमाला (10.12) अच 6.19.29 | वसुद्विपदी (8) द्वि . मुक्तावली गलितक (16) च 4.46 वस्तु-रड्डा मुखगलितक (7.25) अच | वस्तुक-चतुष्पदी मुखपति (15.16) अच 6.19.53 | वस्तुक (25)च मुखपालनतिलक (14.15) अच 6.19.50 वस्तुवदनक (24) च मुग्धगलितक (38) च 4.34 वारंगडी-ओहुल्लणक मुग्धिका (26) च 4.78| विगलितक (23) च मेघ (र+4म)च 5.13 | विगाथ (54.27) द्वि मौक्तिकदाम ( 32; y. 12,8) द्वि 7.19 विचित्रा (गीति) द्वि मौक्तिकदाम्नी (32) द्वि 7.21 विच्छित्ति गलितक (25) च यशोधवल (14.12.14.12 11.10-12. विजया (4)द्वि 11.10-12)अष्ट 5.34 | विदाम (58.27) द्वि ३६ छन्दो. 6.32 5.23 4.65 4.47 6.19.55 6.19.27 7.46 7.15 7.24 6.20.49 6.19.6 5.16 5.4 5.3 5.26 4.9 7.59 . 4.82 4.42 7.4 4.10 4.44 7.68 6.20.10 5.28 6.19.51 4.83 7.63 5.23 6.18 4.32 5.24 5.25 6.20.53 4.28 4.20 4:12 4.43 7.58 4.23 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.090113
Book TitleChandonushasan
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorH D Velankar
PublisherSinghi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
Publication Year1961
Total Pages444
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size9 MB
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