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________________ III. Index of Prakrit Stanzas. 00000000 4.28.1 7.68.1 4.27.1 5.35.1 4.89.1 4.77.1 4.55.1 7.50.1 4.87.1 3.73.3 7.3.4 अंगचंगिम अंगय फुडिअ अंगुलिआहिं ललियं अइचंगंगई मोरई अच्छउ ता उन्भड अज्जवि नयण न अट्ठलहुविरइआ अत्थं भासइ अरहा अणुरयणि चंदकिरण अमरपुरसुंदरिहिं अलओ वलओ अलि मालइपरि अलिरवगीई अवमनिअदुट्ठ अविरलबाहवारि अविरहिअहं अविहडअवरो असोअमंजरी अहरुह दलइ. आमुल वि बहु आयामयधवल इंदहु तुहुँ गुणि इअ उवजाइहिं इस नारिहिं इस वणराइहिं इह माला गाहाण व इह माहवि वम्मह उअ अच्छरा उअ खंधाहइ उथ पोम्मराय 6.19.1 | उअं महुसमओ 7.23.1 | उअ वणावलिआ 4.10.1 | उअ वयंस वित्थ 6.32.1 | उक्करडा खवलउ 7.39.1| उच्छलंतछप्पय 5.28.1 उज्जागरओ कवोल उज्जागरकसाय 1.1.1 उण्हय अभयमऊह 4.23.5/ उद्धाइअझंझानिल 7.69.1| उन्निद्दकमल 5.25.4 | उन्मिज्जउ मायंद 6.20.37 | एए नामनिबद्धा 6.19.13 | एकु पसारइ जइ - 5.2.1 एतहे गब्भभरा 4.66.1 | एत्थु करिमि भणि . 6.19.38 | एह ललिअदेह 4.87.6;5.27.1 | ओअह तुज्झ विरहे 5.11.1 | ओ चलचलंतिआ 5.6.1 | ओ दामाई रयंतीइ .5.29.1| ओ भडकबंधु 7.22.1 | ओ रणझणंत 5.38.1 कइअहिं होएसइ 06.16.1 कइलासतुलणपय 6.15.1 कंकण किंकिणि 6.17.1 कंकेल्लिलयाभवण 4.22.1 | कंचणभूसण छडिअ 6.19.50 कंपिअ निअवि . 7.62.1| कज्जललेहाविल 4.14.1 | कदमभग्गा मग्गु ::.: 1.10.2| कप्पूलधवल गुण 4.80.1 5.25.5 7.54.1 7.12.1 6.19.42 7.72.1 4.70.1 6.19.33 4.23.4 .6.20.34 6.20.5 6.30. 4.42. .."4.692 6.20.46 1:351 6:19.18 6.20.54 3.36.1 121 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.090113
Book TitleChandonushasan
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorH D Velankar
PublisherSinghi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
Publication Year1961
Total Pages444
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size9 MB
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