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2.382.2
3.10.1
3.64.1 2.388.6 2.142.1
2.13.1 1.16.8
२६० यावत् केसरिनादो यावल्लुनामि चूता या सुजनानामुप युगपत्प्रफुल्ल युधिष्ठिरो धर्म येन विधिप्रति ये विजितात्मानो योषितो वियोग यौवनेन वा रचयतु जन्मस्नान रजनीरमणप्रतिमे रणमुवि नृपते रतिकरमलय रम्यनितम्बां रागरोषमोह राजन् यैः समरे राजन् सत्यं तदेतत् रिपुवनिताजन रुन्दोऽमन्दः कुन्द लक्ष्मी कान्ताभिः लक्ष्मीलीलागारं लक्ष्यते सरसि लतानां कलिकाभिः लावण्यपयोधिः लावण्यामृतपूर लीलासिताब्ज लोकवत्प्रति वंशवकादि वक्रनिरीक्षण वधूभिः पीन . वन्दितपादा वन्दे कविं श्रीभारवि
छन्दोऽनुशासनम् । 2.55.1 | वन्द्या देवी पर्वत
4.6.3 | वन्यसैरिभा भवद् 2.132.1 | वपुषेयं द्रुत ___4.5.8 | वलयितवरकन्धरं 2.157.3 | वल्लभं सुरभि 2.196.1 | वल्लभा गहिनी 2.113.1 | वशीकृतजगत्कालं 3.21.1 | वसुधाधिपत्यमिह 2.24.1 | वहति न मन्दं 2.370.1 | वहसि गन्धकरटि
2.35.1 | वाचं ध्यात्वाहती 2.223.1 | वारिदमुक्तवारि 3.32.1 | विकासिकुसुमं 2.1861 | विततघनतुषार 2.83.1 | विदग्धयूनां 3.48.1 | विद्वद्गणैरुचित 2.250.1 विनम्रसुररत्न 2.125.1
| विनयितमनसोऽपि 2.386.2
| विपरीतानि रे शठ 2.216.1 | विपुलेऽप्यम्बुधौ 2.201.1 | विपुलोद्गीतिः 2.44.1
विभ्रमसारभू 2.69.1
विभ्राजते खे 2.36.1
विरचितकुसुमा 3.50.1 विरचितनिबिडतरो
1.7.4 | विरहनिदाघः सुभग ., . 3.39.6 | विरहविधुर
2.210.1 2.140.1
2.239.1 .. 11 2.309.1 2.169.1 1.16.25
3.60.5 2.214.1
3:57.3 . . 2.166.1
3.35.1
3.38.1 ___4.8.2
2.88.1
2.22.1
...
4.6.1 2.218.1 2.150.1 3.44.5 3.27.1 2.14.1 2.389.1 2.269.1
_1.6.1 | विरहे नवे
..., 3.18.1 | विरहेऽभ्यधिक
3.39.10 | विलसदुरुतरवारि 3.70.4 | विलुलितचिकुर 3.39.5 | विवस्वतोदीच्य
:
3.57.1
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