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________________ २५० रस्त्रिौं ल्गौ वारुणी राद्वा रानभभ्राः सुन्दरम् । रीः स्रग्विणी रो ज्रज्रा ज्गौ नितम्बिनी रो ज्रज्राः शिखी रो जल्गाः कामिनी रो मीर्मेघः रो मृगी रौ गो हंसमाला ौ समृद्धिः र्जतनिसाश्चन्दनप्रकृतिः जर्जरास्तूणकम् र्जर्जर्गाश्चित्रम् जर्जा जज्रगा । जोग् उष्णिक जौ गौ सिंहलेखा जर्जी लगौ समानी नभगास्तृतीये सौरभकम् . नभसाश्चन्द्रवर्म नभा गौ खागता नरल्या रथोद्धता नरा भद्रिका नसा हलमुखी नींगा ललना नौ कच्छपी नौं भौ गौ वलना मस्गाः कलिका ौं मालिनी र्यज्गाः पत्रिका र्यन्याः कुमुदिनी र्यान्ता औपच्छन्दसकम छन्दोऽनुशासनम्। 3.23 | यौँ ल्गावनुष्टुप् . 2.251 | ा विदग्धकः 2.256 | सौ ग उद्धता 2.171 सौ जौ भ्रावुज्वलम् 3.22 लूगिभ्यां मेघमाला 3.21 लोनं वेगवती 3:20 लोर्यथेष्टं राश्चण्डकालः 5.13 | लौ पञ्चमाष्टमौ विश्लोकः 2.13 2.58 ल्गावनङ्गशेखरः 2.18 | गौ चेदिन्दुवदना 2.349 | ल्गौ सुखम् 2.254 | वर्णसमद्विकहतिः 2.279 | वर्णसमानेककान् . 3.10 | वाचं ध्यात्वा . . 2.53 | वान्ते ग्वनः . 2.81 | विकल्पहतिर्मात्रा 2.83 | विकृतौ न्जौ भ्जौ .. 3.46 | विपुलान्याद्यन्त .2.161 वृत्तम् 2.142 | वैतालीयादेर्युक्पादजा व्यत्यये खञ्जा • 2.94 | व्यत्यये ज्योतिः 2.90 व्यत्यये विपरीतादिः 2.283 | व्यत्यये षट्पदावली .2.44 | व्यत्यये सुमनोरमा 2.232 | शकयों नौ झै 2.121 शेषजातौ मतिनायि 2.40 | श्रव्यो विरामो यतिः 2.108 षचचादो वदनकम् । 2.185| षचचाश्चिदौ वा 3.54 षचताः षचचा अमरम् 2.73 2.24 2.56 .2.318 2.393 . 3.4 2.391 3.67 ...2.8 2.397 2.238 2.10 8:11 8.8 . 1.1 .. 1.6 ..8.15 2.358 ५. 4.4 .1.12 3.59 •8.29 ..3.52 .. 3.9 .3.11 6.20 2.220 2.381 1.16 5.28 6:29 5.38 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.090113
Book TitleChandonushasan
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorH D Velankar
PublisherSinghi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
Publication Year1961
Total Pages444
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size9 MB
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